Advocate Kaise Bane, एडवोकेट कैसे बने, Advocate Banane Ke Liye Kya Karna Padta Hai, Advocate कैसे बने, एडवोकेट बनने के लिये शैक्षिक योग्यता, एडवोकेट बनने के लिए उम्र सीमा, एडवोकेट पद के लिए चयन प्रक्रिया, एडवोकेट की सैलरी, How to Become Advocate in Hindi, Advocate बनने के लिये कहां से करें पढ़ाई, एडवोकेट का चयन कैसे होता, एडवोकेट बनने के लिए क्या करना पड़ता है.
अधिवक्ता किसी भी देश की कानूनी प्रणाली में प्रमुख पेशेवर है। स्वतंत्र भारत में एक समय था, जहां भारतीयों के बीच वकालत को एक शाही पेशा माना जाता था. उस समय कानून को एक पेशे के बजाय एक जुनून के रूप में अधिक माना जाता था. यह इस तथ्य से सिद्ध किया जा सकता है कि स्वतंत्र भारत के अधिकांश प्रतिष्ठित व्यक्तित्व के पास कानून की डिग्री है. यहां तक कि 'राष्ट्रपिता महात्मा गांधी' पेशे से एक वकील थे, उनका नाम लेने के बाद अन्य प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानियों के नाम गिनाने की कोई आवश्यकता नहीं थी.
बेशक, स्वतंत्रता के बाद वकालत ने इंजीनियरिंग और मेडिकल जैसे अन्य व्यवसायों में अपना शीर्ष स्थान खो दिया, लेकिन यह सुनिश्चित है कि यह पेशा युवा भारतीयों के बीच जुनून से बाहर नहीं था. कुछ समय के लिए एक अन्य पेशे से ग्लैमरस दुनिया से दूर होने के बाद, यह पेशा एक बार फिर से मुक्त अर्थव्यवस्था और खुले विश्व व्यापार गतिविधियों के उभरते परिदृश्य में समाज के वैश्वीकरण और जरूरतों के साथ अपनी खोई हुई जमीन हासिल कर रहा है. यह पेशा न केवल एक बार जीवन में चुनौतियां प्रदान कर रहा है, बल्कि इसके साथ जुड़े वित्तीय और सामाजिक लाभों का भी ध्यान रखा गया है.
Law के पांच वर्षीय कोर्स के लिए आपको 12 वीं पास होना अनिवार्य है और 12 वीं के बाद Common Law Admission Test नामक परीक्षा होती है इसको पास करने के बाद ही आपको प्रवेश मिलता है. इस परीक्षा में 12 वीं या Graduation में 50 फीसदी अंकों के साथ पास होना अनिवार्य होता है.
उम्मीदवार अपनी इच्छा के अनुसार Law के तीन वर्षीय या पांच वर्षीय Bachelor Degree Course को चुन सकते है. इसके बाद Common Law Admission Test नामक परीक्षा होती है. इसको पास करने के बाद ही आपको प्रवेश मिलता है. Law के तीन वर्षीय कोर्स में प्रवेश के लिए आपका Graduate होना अनिवार्य है.
BA LLB करते हुए विद्यार्थी को किसी Specialised Field जैसे Corporate Law, Patent Law, Criminal Law, Cyber Law, Family Law, Backing Law, Tax Law, International Law, Labor Law, Real Estate Law आदि में विशेषता हासिल करनी होती है जिससे आगे चलकर उसी विशेष विषय में वकालत कर सके.
लॉ के अंतर्गत कई कोर्स आते हैं जैसे कि :-
क्रिमिनल लॉ
कॉरपोरेट लॉ
पेटेंट अटॉर्नी
साइबर लॉ
फैमिली लॉ
बैंकिंग लॉ
टैक्स लॉ
Criminal Law सबसे Popular Law माना जाता है. इस Law का अध्ययन हर छात्र को करना पड़ता है. इसके अध्ययन से ही Crimes और उसके प्रति कानून प्रावधान की जानकारी हासिल होती है.
Corporate Law के अंतर्गत Corporate संसार में होने वाले Crimes के लिए Rule और Law का अध्ययन किया जाता हैं. Corporate Laws से Corporate Sector में होने वाले Crimes को रोकने के लिए तथा Finance Project, Tax License, Joint Stock से संबंधित काम किए जाते हैं.
Patent Attorney ऐसा अधिकार होता है जिसके अंतर्गत कोई व्यक्ति किसी वस्तु पर अपना पूरा अधिकार रखता है. उसकी मर्जी या सहमति के बिना कोई अन्य व्यक्ति उस अधिकार का प्रयोग नहीं कर सकता.
Cyber Law के तहत Cyber Crime से जुड़े मुद्दों पर यह कानूनी जानकारी देता है कि उनसे कैसे निपटा जाये और उनके लिए सजा का क्या प्रावधान है.
Family Law महिलाओ का सबसे पसंदीदा क्षेत्र है. इसके लॉ के तहत Divorce, Adoption, Personal Law, Marriage, Guardianship एवं अन्य सभी पारिवारिक मामले आते है. पारिवारिक मामलों को उसी स्तर पर सुलझाने के लिए सभी राज्य के सभी जिलों में Family Court की स्थापना की गयी है.
Banking Law के तहत Loan, Loan Recovery, Banking Expert आदि से संबंधित कार्यो का निपटारा होता है. Banking Law में उससे सम्बन्धित नियम और कानून का अध्ययन करवाया जाता है.
Tax Law के तहत सभी प्रकार के Tax जैसे Service Tax, Cell Tax, Income Tax आदि से सम्बन्धित समस्यायों का निपटारा किया जाता है.
NLSIU - Bangalore
Nalasar - Hyderabad
WBNUJs - Kolkata
NLU - Jodhpur
HNLU - Raipur
GNLU - Gandhinagar
RMLNLU - Lucknow
RGnUl - Patiala
CNLU - Patna
NLUO - Cuttack
NLUJAA - Guwahati
DSNLU - Visakhapatnam
TN.NLS-Tiruchirappalli
MNLU - Mumbai
Trustee
Notary
Advocate
Solicitor
Magistrate
Legal Expert
Law Reporter
Legal Advisor
Attorney General
Public Prosecutor
Munsifs (Sub-Magistrate)
Teacher & Lecturer
District & Sessions Judge
निजी प्रैक्टिस में शामिल एक वकील की वित्तीय सफलता उसके अनुभव और व्यक्ति के ज्ञान पर निर्भर करती है. जहां तक कॉरपोरेट सेक्टर के कानूनी सलाहकारों का सवाल है कि उन्हें हर महीने 50,000 रुपये तक सैलरी मिल सकती हैं और वे जिस कंपनी के लिए काम कर रहे हैं उसके सीईओ के बराबर पहुंच सकते हैं
सरकारी अधिवक्ताओं की सैलरी भी किसी भी अन्य सरकारी विभाग में किसी भी प्रथम श्रेणी के अधिकारी को प्रदान किए गए अन्य सभी प्रकार के अन्य कमियों के साथ काफी अच्छी होती हैं. कोई कह सकता है कि आज के परिदृश्य में अधिवक्ता वित्तीय के साथ-साथ किसी अन्य पेशे की तुलना में सामाजिक स्थिति का आनंद ले रहे हैं.
Aligarh Muslim University
Amity Law School, Delhi, Noida
Symbiosis Law School, Pune
Army Institute of Law, Mohali
K.L.E. Society Law Law College, Bangalore
Gujarat National Law University, Gandhinagar
School of Law Christ University (SLCU, Bangalore)
National Law School of India University, Bangalore
West Bengal National University of Juridical Sciences, Kolkata
New Law College, Bharati Vidyapeeth Deemed University, Pune