BAMS Full Form in Hindi, BAMS Ka Full Form Kya Hai, BAMS का Full Form क्या है, BAMS Ka Poora Naam Kya Hai, बीएएमएस क्या है, BAMS का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालों के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
BAMS की फुल फॉर्म Bachelor of Ayurvedic Medicine and Surgery होती है इसको हिंदी में आयुर्वेदिक चिकित्सा और सर्जरी के स्नातक कहते है. और जैसा की आप BAMS की फुल फॉर्म पढ़कर समझ गयें होंगे की BAMS क्या है. तो चलिए अब इसके बारे अन्य सामान्य जानकारी के बारे में बात करते है.
BAMS एक अंडरग्रेजुएट डिग्री है जो चिकित्सा के क्षेत्र में उन लोगों को प्रदान की जाती है जिन्होंने एक साल की इंटर्नशिप सहित पांच और आधे साल के मेडिसिन कोर्स की पढ़ाई पूरी की है. बीएएमएस कोर्स में प्रवेश लेने के लिए न्यूनतम योग्यता विज्ञान के साथ 12 वीं कक्षा की शिक्षा पूरी होनी चाहिए. 12 वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, छात्र को संबंधित मेडिकल कॉलेज में प्रवेश पाने के लिए राज्य या राष्ट्रीय स्तर के बीएएमएस प्रवेश परीक्षा को पास करना आवश्यक होता है.
BAMS के पूरा होने के बाद उम्मीदवार को मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से आयुर्वेदाचार्य की उपाधि से सम्मानित किया जाता है, जिसका अर्थ है आयुर्वेद की समझ और अभ्यास में एक विशेषज्ञ. आयुर्वेदिक चिकित्सा की स्नातक कोर्स की संरचना और सर्जरी आधुनिक चिकित्सा और पारंपरिक आयुर्वेद दोनों की एकीकृत प्रणालियों का संयोजन है. आयुर्वेदिक शिक्षा प्रणाली में, सभी प्रकार की बीमारियों की रोकथाम में एक प्रमुख स्थान है, जिसमें प्रकृति के कोर्स और 6 मौसमों के साथ संरेखित करने के लिए रोगी की जीवन शैली का पुनर्गठन शामिल किया गया है. आज के समय में आयुर्वेदिक अध्ययन को वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में भी जाना जाता है. इस प्रकार के वैकल्पिक चिकित्सा कोर्स पूरे भारत में विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाते हैं.
BAMS कोर्स में आधुनिक शरीर रचना विज्ञान, आधुनिक दवाओं के सिद्धांत, सर्जरी के सिद्धांत, ईएनटी, फार्माकोलॉजी और कई और इसके साथ-साथ आयुर्वेद विषयों का भी अत्यंत अध्ययन शामिल किया गया है. पहले जमाने से ही आयुर्वेद भारत की एक प्राचीन चिकित्सा प्रणाली मानी जाती है. आयुर्वेद न केवल इलाज के बारे में बताता है बल्कि यह बहुत सी बीमारियों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए समाधान भी प्रदान करता है. आयुर्वेद के अनुसार, बीमारी या बीमारियां मानव शरीर में तीन प्रकार के रोगों के कारण उत्पन्न होती हैं जैसे कि -
Kapha
Pitta
Vata
आज के समय में पूरी दुनिया में में आयुर्वेदिक उपचार बढ़ता ही जा रहा है. और ज्यादातर लोग आयुर्वेद चिकित्सा की और अपना ध्यान बढ़ाते जा रहे है इस कारण आने वाले समय में आयुर्वेद काफी लोकप्रिय होने वाला है.
दोस्तों आपको पता होना चाहिए की BAMS में प्रवेश लेने के लिए आपके के अन्दर कौन-कौन से योग्यता का होना जरुरी है. सबसे पहले अगर हम बात करें तो इसके इच्छुक उम्मीदवार की उम्र 17 वर्ष या उससे ऊपर होनी चाहिए. और उम्मीदवार का Intermediate की परीक्षा में उत्तीर्ण होना बहुत आवश्यक है. और दूसरी सबसे खास बात याद इसके इच्छुक उम्मीदवार का Physics Chemistry Math विषय से Intermediate में पास होना बहुत आवश्यक है.
Charak
Sanskrit
Rog Nidhan
Dravyaguna
Kaumarbharitya
Shalya Tantra
Kayachikitsa
Sharir Kriya
Sharit Rachna
Padarth Vigyan
Shalakya Tantra
Prasuti Tantra
Ashtang Sangreh
History of Ayurveda
Rasshasrta & Baishiya Kalona
BAMS कोर्स के अंतर्गत विभिन्न प्रकार के विषय पर पढाई कराई जाती है इन सभी के नाम आप नीचे देख सकते हो.
शारीरीक रचना विज्ञान (Phusical Anatomy)
शारीरीक क्रिया विज्ञान (Physiology)
आँख की चिकित्सा (Ophthalmology)
शल्यक्रिया के शिद्धान्त (Principal of Surgery)
चिकित्सा के सिद्धान्त (Principal of Therapy)
फर्माकोलोजी (Pharmacology)
विषविज्ञान (Toxicology)
फोरेंसिक चिकित्सा
कान नाक-गले की चिकित्सा
BHMS कोर्स करने के बाद आप आसानी से सरकारी अस्पतालों, निजी अस्पतालों, और प्रयोगशालाओ आदि मे नौकरी पा सकते है. BAMS कोर्स करने के बाद कुछ सामान्य रोजगार के क्षेत्र नीचे दिए गए है.
Hospitals
Health Centres
Medical Tourism
Private Practice
Educational Institutes
Herbal Product Manufactures
Pancha Karma (Massage) Centres
Nurse
Teacher
Therapist
Researcher
Consultants
Kaya Chikitaka
Shalya Chikitaka
Nutrition Expert
Medical Officer
Production Manager
Ayurvedic Supervisors