BRICS Full Form in Hindi, BRICS का Full Form क्या है, BRICS क्या होता है, ब्रिक्स क्या है, BRICS का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालो के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
BRICS की फुल फॉर्म Brazil Russia India China And South Africa होती है. इसको हिंदी में ब्राजील रूस भारत चीन और दक्षिण अफ्रीका कहते है. BRICS पांच देशों का एक समूह है और इसका गठन साल 2009 मे किया गया था. जिस वक्त ब्रिक्स का गठन हुआ था उस वक्त इसमें केवल चार देश ही शामिल थे इसलिए इसको ब्रिक BRIC कहा जाता था और इसका पूर्ण प्रपत्र यानी फुल फॉर्म, ब्राजील, रूस, चीन और भारत था.
दक्षिण अफ्रीका के इस ग्रुप से जुड़ने के बाद इसका नाम ब्रिक्स BRIC रख दिया गया. BRICS को ब्राजील, रूस, भारत और चीन देशो द्वारा मिलकर बनाया है. BRICS द्वारा अभी तक कुल 10 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा चुका है. BRICS राष्ट्र द्वारा हर साल औपचारिक शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है और इस शिखर सम्मेलन में BRICS राष्ट्र के राज्य और सरकार के प्रमुख द्वारा हिस्सा लिया जाता है.
दोस्तों वर्ष 2006 में New York मे BRIC Nation के विदेश मंत्रियों का एक Session हुआ था और इसी Session के दौरान भारत, ब्राजील, रूस और चीन देश ने मिलकर BRIC की स्थापना करने पर चर्चा की थी. जिसके तीन साल बाद यानी साल 2009 में इन देशों ने रूस में अपना प्रथम सम्मेलन किया था.
इस ग्रुप के साथ 2010 मे South africa Nation भी इससे जुड़ गया था. April 2011 मे चीन मे आयोजित किए गए इस शिखर सम्मेलन मे South africa देश के राष्ट्रपति ने भी भाग लिया था. जब से लेकर अभी तक दक्षिण अफ्रीका देश मे भी कई बार इस शिखर सम्मेलन का आयोजन हो चुका है.
यह तो आप जानते ही होंगे की विश्व मे US Dollar एक प्रमुख मुद्रा है. इसलिए BRICS देशो का लक्ष्य है कि वो इस मुद्रा की जगह अन्य मुद्राओ का उपयोग कर उन मुद्राओं को भी विश्व स्तर पर मजबूत कर सकें. BRICS को बनाने का जो दूसरा सबसे बड़ा मकसद है वो विकासशील देशों के लिए एक विशेष व्यापार ब्लॉक बनाना है.
दोस्तों रोजगार के क्षेत्र मे विकासशील देशों पर विकसित देश का काफी दबदबा माना जाता है. इसलिए इसी दबदबे को खत्म करने के लिए BRICS देशों द्वारा रोजगार ब्लॉक बनाने का लक्ष्य बनाया गया है. इसके अलावा BRICS ग्रुप विकसित और विकासशील देशों के बीच एक ब्रिज के रूप में भी कार्य करता है और इसके साथ ही आज के समय में विकासशील देशों को विकसित करने में उनकी सहायता भी कर रहा है.