FEMA Full Form in Hindi, FEMA का Full Form क्या है, FEMA क्या होता है, फेमा क्या है, FEMA का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालो के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
FEMA की फुल फॉर्म Foreign Exchange Management Act होती है. इसको हिंदी मे विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम कहते है. FEMA का महत्वपूर्ण लक्ष्य Foreign Currency से Related सभी कानूनों में सुधार और समाकलन करना माना जाता है.इसे पहले के Foreign Exchange Regulation Act (FERA) को बदलने के लिए पेश किया गया था क्योंकि FERA उदारीकरण के बाद की नीतियों के अनुकूल नहीं था. FEMA 1999 में संसद के शीतकालीन सत्र में पारित किया गया था। यह 1 जून 2000 को एक अधिनियम बन गया था. हालांकि इसके अलावा FEMA का लक्ष्य देश मे Foreign Payment और व्यापार को बढ़ावा देना. FEMA हमारे भारत मे Foreign Exchange Market के रखरखाव और सुधार को बढ़ावा देता है.
दोस्तों FEMA भारत मे रहने वाले हर एक व्यक्ति को पूरी स्वतंत्रता Provide करता है कि वह भारत के बाहर Property को खरीद सकता है. FEMA को 1999 मे संसद के शीतकालीन सत्र मे पारित किया गया था. यह 1 जून 2000 को एक Act बन गया. इस Act के अनुसार Foreign Currency से Related सभी अपराध नागरिक अपराध है जो फेरा के अनुसार आपराधिक अपराधो के विपरीत है.
इसका मुख्य कार्यालय नई दिल्ली मे स्थित है. इसमें पांच जोनल कार्यालय है जो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता और जलंधर में स्थित है. लेकिन इसके हर एक जोनल कार्यालय का नेतृत्व उप निदेशक करते है. इसके हर एक जोन को आगे 7 उप-क्षेत्रीय कार्यालयो और 5 फ़ील्ड इकाइयो मे विभाजित किया जाता है. दोस्तों इसके उप-क्षेत्रीय कार्यालय का नेतृत्व सहायक निदेशक और फील्ड इकाई की अध्यक्षता मे मुख्य प्रवर्तन अधिकारी होता है.
FEMA की बहुत सी मुख्य विशेषताएं है जैसे कि -
FEMA के तहत एटीएम कार्ड, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड शामिल होते है.
FEMA उन क्षेत्रों को बताता है जिनके लिए आरबीआई या सरकार की अनुमति की आवश्यकता होती है.
FEMA ने दो श्रेणियों मे विदेशी मुद्रा लेनदेन को बांटा है जैसे की पूंजी खाता लेनदेन और चालू खाता लेनदेन.
FEMA चालू खाता परिवर्तनीयता के अनुरूप होता है और पूंजी खाता लेनदेन के प्रगतिशील उदारीकरण के प्रावधान प्रदान करता है.
FEMA आपको आरबीआई से पूर्व अनुमति के बिना विदेशी मुद्रा बेचने या आकर्षित करने की अनुमति देता है लेकिन आप बाद मे आरबीआई को सूचित कर सकते है.