GPS Full Form in Hindi, GPS Ka Full Form Kya Hai, GPS का Full Form क्या है, GPS Ka Poora Naam Kya Hai, जीपीएस क्या है, GPS का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालों के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
GPS की फुल फॉर्म Global Positioning System होती है. यह एक उपग्रह आधारित नेविगेशन प्रणाली है जो जमीनी उपयोगकर्ताओं को दुनिया भर में सभी मौसम की स्थिति में 24 घंटे में अपना सटीक स्थान, वेग और समय निर्धारित करने की अनुमति देता है. GPS को अगर सरल शब्दों में कहा जाये तो यह एक Global Navigation Satellite System है जो की किसी भी चीज की Location पता करने के लिए Use किया जाता है.
सबसे पहला GPS सन 1960 के दशक में महासागरों को अधिक सटीक रूप से नेविगेट करने में अमेरिकी नौसेना के जहाजों की सहायता के लिए विकसित किया गया था. पहली प्रणाली पांच उपग्रहों के साथ शुरू हुई जो जहाजों को हर घंटे में एक बार उनके स्थान की जांच करने में सक्षम बनाती थी. इस System को सबसे पहले अमेरिका के रक्षा विभाग ने 1960 मे बनया था. उस समय ये System सिर्फ US Army के Use के लिए बनाया गया था. लेकिन बाद मे 27 April 1995 ये सभी के लिए बनाया गया और आज हमे ये हमारे Mobile मे भी देखने को मिलता है.
लेकिन कुछ दशकों के बाद यह जीपीएस रिसीवर वाले किसी के लिए भी उपयोगी हो गया था. यह व्यापक रूप से वाहनों को ट्रैक करने और एयरलाइंस, शिपिंग फर्मों, कूरियर कंपनियों, ड्राइवरों आदि द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान तक सर्वोत्तम मार्ग का पालन करने के लिए उपयोग किया जाता है. इस प्रौद्योगिकी का सबसे ज्यादा उपयोग Navigation या Path को Search करने के लिए किया जाता है.
GPS Technology इतनी ज्यादा इस्तेमाल होती है की इसे आप अपने Mobile, Rail, Bus, Car यंहा ताकि Caravan मे भी इसका Use कर सकते है. दोस्तों इसका Use आज के समय में Path को Search करने के लिए बहुत ज्यादा किया जा रहा है. इस कारण से ये आज के समय में Transport मे ज्यादा Use होता है. दोस्तों इसकी सहायता से हम कंही भी रास्ता बड़ी आसानी से Search कर सकते है. हम अपनी Location से किसी दूसरी Location की दुरी को बड़ी आसानी से पता कर सकते है.
GPS 32 सॅटॅलाइट का एक समुह है जो कि पृथ्वी की सतह से 26,600 किलो मीटर कि दुरी पर स्थित है. GPS Receiver इन्ही सॅटॅलाइट से भेजे गये सिग्नल के संकेतो के आधार पर स्थान बताते है. यह बहतर गणना के लिए चार सॅटॅलाइट का उपयोग करता है. यह उपयोगकर्ता की Three Dimensional Position Latitude, Longitude Line और Elevation के बारे मे जानकारी देता है.
GPS को तीन अलग-अलग पार्ट्स में विभाजित किया गया है जैसे कि -
Space Segment
Control Segment
User Segment
यह Satellites से होता है जो कि अंतरिक्ष से संकेतों को प्रसारित करता है, जिसके आधार पर उपयोगकर्ता के समय और स्थिति को मापा जाता है
दोस्तों Satellites के सेट को नक्षत्र कहा जाता है.
GPS दो उपग्रह नक्षत्रों का उपयोग करता है यानी NAVSTAR और GLONASS
NAVSTAR ने 24 उपग्रहों की रचना की, 6 कक्षीय विमानों में रखा, भूमध्य रेखा के साथ 55 डिग्री और 12 घंटे की अवधि के साथ झुका.
यह लगभग 20,200 किमी की ऊँचाई पर परिक्रमा करते हैं
प्रत्येक उपग्रह में चार सटीक परमाणु घड़ियां होती हैं, जिनमें से केवल एक का उपयोग एक समय में किया जाता है.
कंट्रोल सेगमेंट में 5 ग्राउंड आधारित मॉनिटर स्टेशन, तीन एंटेना और एक मास्टर कंट्रोल स्टेशन का एक समूह होता है
मास्टर कंट्रोल सुविधा कोलोराडो में श्रिएएवर एयर फोर्स बेस (पूर्व में फाल्कन एएफबी) में स्थित होता है.
मॉनिटर स्टेशन एसवी से लगातार संकेतों को मापते हैं और मास्टर कंट्रोल स्टेशन को डेटा प्रदान करते हैं.
मास्टर कंट्रोल स्टेशन उपग्रह पंचांग और घड़ी सुधार गुणांक की गणना करता है और उन्हें एक ऐन्टेना के लिए आगे बढ़ाता है.
एंटीना दिन में कम से कम एक बार प्रत्येक उपग्रह को डेटा संचारित करता है. एसवी तब रेडियो सिग्नलों पर जीपीएस रिसीवरों को कक्षीय पंचांग के सबसेट भेजते हैं.
जीपीएस यूजर सेगमेंट में जीपीएस रिसीवर और उपयोगकर्ता समुदाय होते हैं.
विशिष्ट रिसीवर एक एंटीना और पूर्व-एम्पलीफायर, रेडियो सिग्नल माइक्रोप्रोसेसर, नियंत्रण और प्रदर्शन डिवाइस, डेटा रिकॉर्डिंग इकाई और बिजली की आपूर्ति से बना है
जीपीएस रिसीवर एसवी सिग्नल को स्थिति, वेग और समय के अनुमान में परिवर्तित करते हैं. X, Y, Z (स्थिति) और समय के चार आयामों की गणना के लिए न्यूनतम चार उपग्रहों की आवश्यकता होती है.