GST Full Form in Hindi, GST Full Form क्या है, GST क्या होता है, GST का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालों के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
GST की फुल फॉर्म Goods and Services Tax होती है. GST का हिंदी में मतलब होता है कि एक ऐसा कर जो वस्तुओ व सेवाओ पर लगता है. GST के लागू होने पर Goods व Services पर लगने वाले अलग अलग Tax समाप्त हो गये है.
GST को इससे पहले 1 अप्रैल 2017 को लागू किया जाना था लेकिन इसे 1 जुलाई से लागू किया जा रहा है. GST को हमारे पुर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी आज से 17 वर्षों पहले भारत में लागू करने वाले थे लेकिन किसी कारण से यह लागू नहीं हो पाई थी. GST एक बहुत अच्छा निर्णय है भारत सरकार द्वारा लेकिन मैं आपके जानकारी के लिए बताना चाहूँगा GST को लगभग 165 देशो ने अपना लिया है. वर्तमान में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष Tax से किसी उत्पाद की कीमत उत्पादन से लेकर हमारे हाथों तक पहुंचने में दुगनी या तिगुनी हो जाती है. किसी भी सामान को खरीदते वक्त उस पर हम 30-35 प्रतिशत Tax के रूप मे चुकाते है. कहीं कहीं तो यह 50 प्रतिशत तक है. GST लागू होने के बाद ये Tax घटकर 18 प्रतिशत रह जाएगा.
GST के अंतर्गत सभी Service पर एक ही Tax चुकाना होगा. आप सभी जानते हो जब भी हम कोई सामान Market से खरीदते है उसमे कई तरह के Tax हमसे वसूले जाते है आप सभी को जानकर हैरानी होगी की इनकी संख्या 20 के आस पास है. GST लागू होने के बाद हर वस्तु की कीमत पुरे देश भर में एक जैसी हो जाएगी.आपने भी बहुत बार देखा होगा कुछ वस्तु किसी राज्य मे सस्ती है और किसी राज्य मे महंगी होती है. क्यूंकि उस वस्तु पर कई तरह के Tax वसूले जाते है अगर सभी Tax GST के अंतर्गत आ जाएंगे तो सभी का दाम एक समान होगा यानि GST Tax आम आदमी के हित मे है.
GST के लागू होने के बाद सभी Tax समाप्त हो जाएंगे जैसे की राज्यों को मिलने वाला VAT, Entertainment Tax, Luxury Taxes, Lottery Taxes, Entry Tax, Taxation आदि भी खत्म हो जाएगी. आपकी जानकारी के लिए मैं बताना चाहूँगा की GST को अब तक 165 देशो ने अपन लिया है यानि इन देशो में सिर्फ एक ही Tax लगाया जाता है लेकिन GST की दर हर देश मे अलग है जैसे की New zealand मे 15 प्रतिशत Australia मे 10 प्रतिशत France मे 19.6 प्रतिशत Germany मे 19 प्रतिशत Sweden और Denmark मे 25 प्रतिशत और यहां तक कि Pakistan मे भी 18 प्रतिशत की दर से GST लागू है.
GST के तीन Parts है
CGST - ये Tax Central Gov द्वारा वसूला जाता है
SGST - ये Tax State Gov द्वारा वसूला जाता है
IGST - ये Tax Central Gov और State Gov दोनो के द्वारा वसूला जाता है
भारत मे Tax व्यवस्था आसान होगी और कर के ऊपर कर लगाने की व्यवस्था से छुटकारा मिलेगा.
National Council of Applied Research की एक रिपोर्ट के मुताबिक GST लागू होने से भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 2 से 3 फीसदी की वृद्धि होने की संभावना है.
वर्तमान व्यवस्था में अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य में अपने उत्पाद बनाकर दूसरे राज्य में बेचता है तो उसे कई तरह के Tax दोनो राज्यों को चुकाने होते है जिससे उत्पाद की कीमत बढ़ जाती है परन्तु GST लागू होने से सिर्फ एक Tax लगेगा जिससे उत्पादों की कीमत घट जाएगी.
GST लागू होने के बाद पूरे देश में किसी भी सामान को खरीदने के लिए एक ही Tax चुकाना होगा जिसके कारण पूरे देश मे किसी भी सामान की कीमत एक समान रहेगी. वर्तमान व्यवस्था मे हर राज्य वाहनो की खरीद पर अलग अलग Tax लगाते है जैसे दिल्ली की तुलना मे हरियाणा मे Tax कम लगता है जिसके कारण दिल्ली मे रहने वाले लोग हरियाणा से गाड़ी खरीदते है ताकि कम Tax चुकाना पड़े लेकिन GST लागू होने के बाद पूरे देश मे गाड़ियो के खरीदने पर एक समान कीमत देनी होगी.
GST लागू होने के बाद Tax विभाग के अधिकारियों द्वारा Tax मे हेराफेरी की संभावना भी कम हो जाएगी.
GST लागू होने से Tax का Framework Transparent होगा जिससे काफी हद तक Tax विवाद कम होंगे.
GST के अंतर्गत पूरा Tax Framework Online होगा जिससे Tax चोरी मे निश्चित रूप से कमी आएगी इससे सरकार की Tax आय मे वृद्धि होगी.
भारत की Gross Domestic Product का करीब 60% सर्विस क्षेत्र से आता है. दोस्तों अभी भारत में 14.5 फीसदी की दर से सर्विस Tax लगता है जो कि GST लागू होने के बाद बढ़कर 18% हो जायेगा. उदाहरण के तौर पर अभी आपको 100 रुपये के मोबाइल बिल पर 14 रुपये 50 पैसे Tax देना पड़ता है जो कि 1 जुलाई 2017 के बाद बढ़कर 18 रुपये हो जायेगा.
GST के लागू होने से कुछ राज्यो की आय मे स्थायी रूप से कमी आएगी लेकिन केंद्र सरकार सिर्फ 5 साल तक ही किसी राज्य के नुकसान की भरपाई करेगी.
Banking और Financial Sector मे प्रभावी Tax रेट 14 प्रतिशत है. ये Tax अब तक सिर्फ Transaction पर लगता है. Interest पर कोई Tax नही लगता है. लेकिन GST लागू होने के बाद इस Sector पर लगने वाला Tax 18 से 20 बढ़ जायेगा. अर्थात प्रोसेसिंग फीस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड पर लगने वाली फीस, बीमा प्रीमियम पर लगने वाले Charges बढ़ जाएंगे.