HIV Full Form in Hindi, HIV Ka Full Form Kya Hai, HIV का Full Form क्या है, HIV Ka Poora Naam Kya Hai, एचआईवी क्या है, HIV का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालों के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
HIV की फुल फॉर्म Human Immunodeficiency Virus होती है. इसको हिंदी में मानवीय प्रतिरक्षी अपूर्णता विषाणु कहते है. HIV Virus मानव Immune System को प्रभावित करता है और Influenza खांसी, यक्ष्मा आदि जैसी बीमारियों के संपर्क में आने से उसे और भी अधिक Sensitive बनाता है. HIV विशिष्ट सफेद रक्त कोशिकाएं को नष्ट कर देता है. यदि इन कोशिकाओं की एक बड़ी संख्या नष्ट हो जाती है तो शरीर Infection से लड़ नहीं सकता है. Infection की प्रगति के रूप में यह AIDS में बदल जाता है.
HIV मुख्य रूप से Unsafe यौन संबंध, दूषित रक्त संक्रमण Hypodermic Needles और Pregnancy प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से बच्चे तक फैलता है. कुछ शारीरिक तरल पदार्थ जैसे लार और आँसू, HIV प्रसारित नहीं करते है. रोकथाम के तरीकों में सुरक्षित यौन सुई विनिमय कार्यक्रम संक्रमित लोगों का इलाज शामिल है. AIDS पहले संयुक्त राज्य अमेरिका में 1981 में देखा गया था. ऐसा माना जाता है कि एचआईवी संक्रमण पश्चिम मध्य अफ्रीका के गैर मानव प्राइमेट्स में उत्पन्न हुआ था और मनुष्य को Transferred किया गया था .
HIV के ऐसे तो बहुत से लक्षण होते है लेकिन ज़्यदातर जो देखे जाते है इसमें जो व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित होते है, उनमें फ्लू जैसे लक्षण देखे जाते है. HIV होने पर निम्न प्रकार के लक्षण देखे जा सकते है -
HIV ग्रस्त महिलाओं का मासिक धर्म अनियमित हो जाता है.
HIV वायरस के होने पर भुख कम हो जाती है, और वजन धीरे-धीरे कम होने लगता है.
HIV के लक्षण में बुखार आना, ठण्ड लगना और पसीना आना भी अक्सर देखा जाता है.
HIV का एक लक्षण यह भी जिस व्यक्ति को ये वायरस होता है उसको सिर दर्द हमेशा रहता है.
HIV का सबसे बड़ा लक्षण जो व्यक्ति HIV से संक्रमित होता है उसके शरीर पर लाल चकते होने लगते है.
अब सवाल आता है आखिर HIV से कैसे बचा जा सकता है तो आइये जानते है. HIV से बचने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा जैसे कि -
हमेशा अपने पार्टनर के साथ यौन सम्बन्ध बनाये और असुरक्षित यौन संबंध बनाने बचे.
HIV से बचने के लिए आप और आपके साथी को समय-समय पर अपना टेस्ट कराना चाहिए. इससे दोनों को सुरक्षित रहने में मदद मिलती है.
दोस्तों इस वायरस बचने के लिए आपको इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए, जब कभी आपको खून चढ़ाने या देने की आवश्यकता हो तो हमेशा आप नई सुइयों का प्रयोग करे.