OCD Full Form in Hindi, OCD का Full Form क्या है, OCD क्या होता है, ओसीडी क्या है, OCD का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालो के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
OCD की फुल फॉर्म Obsessive-Compulsive Disorder होती है. इसको हिंदी में जुनूनी बाध्यकारी विकार कहते है. ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर एक ऐसी बीमारी है जहाँ रोगी के मन में बार बार तर्कहीन विचार आते है और वह न चाहते हुए भी उन विचारो के बारे सोचता है और उन्हे पूरा करने की पुरी कोशिश करता है. Obsessive Compulsive Disorder जो की Obsession और Compulsion से मिलकर बना है.
Obsession एक Thought, Doubt या Contemplation है जो रोगी की इच्छा के विपरीत उसके मन में बार बार आता है. और उस व्यक्ति का उस पर Control नही होता है. ऐसे विचार अक्सर Humorous Irrational और Incompatible होते है. रोगी भी इस बात को अच्छे से समझता है और उनसे छुटकारा भी पाना चाहता है लेकिन वह ऐसा कर नही पाता. इसलिए दिन में ज्यादातर समय वह Disturbed और Nervous रहता है.
जब Obsession Action में बदल जाता है तो उसे Compulsion कहा जाता है. इसमें पीड़ित व्यक्ति एक ही काम को कई बार करते है. हालाकिं वे जानते है की ये काम Nonsense है. लेकिन ऐसा करने से वे अपने आपको रोक नही पाते क्योकि ऐसा करके वे क्षणिक शांति का अनुभव करते है.
जब कोई व्यक्ति 6 Month या उससे ज्यादा समय तक Obsession और Compulsion का Experience करता है और इसके कारण व्यक्ति को मानसिक समस्या और रोजाना के सामान्य कार्यो, व्यावसायिक कार्यो और शैक्षिक कार्यो में समस्या उत्पन होती है तो इसे Obsessive Compulsive Disorder कहा जाता है.
एक खोज में पाया गया है की Neurotransmitter Called Cerotonin के असंतुलन के कारण Obsessive Compulsive Disorder के लक्षण विकसित होते है. दिमाग के स्कैन से पता चलता है OCD के मरीज़ के दिमाग के कई भाग जैसे Cortical Striatal Thalmic और Basal Ganglia में Over Activity के कारण Obsessive Compulsive Disorder की स्थिति उत्पन होती है.
आज के समय में भी OCD का कारण पूरी तरह से समझा नहीं गया है. हालांकि, यह आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से विकसित होना माना जाता है. अन्य कारकों में जैविक कारक और पर्यावरण या सीखा व्यवहार शामिल हो सकते है.
OCD के लक्षणों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है जुनून और मजबूरियां. ओसीडी वाले अधिकांश लोग जुनून और मजबूरी दोनों को दिखाते हैं. हालाँकि ओसीडी वाले व्यक्ति कुछ या तो जुनून या मजबूरी का अनुभव कर सकते हैं.
अक्सर जुनून के लक्षण में बहुत कुछ देखने को मिलता है क्योंकि जुनून दोहराया जाता है, अवांछित विचार, आग्रह या चित्र जो परेशान कर रहे हैं और इस तरह चिंता और संकट का कारण बनते हैं. कुछ सामान्य जुनून लक्षण, जो मुख्य रूप से जुनूनी विचार हैं, वो इस प्रकार हैं -
इसमें दूसरों द्वारा स्पर्श वस्तुओं को छूने से दूषित होने का डर होता है.
इसमें अक्सर संदेह होता है कि आपने दरवाजा बंद नहीं किया है और चूल्हा आदि को बंद कर दिया है या नहीं.
इसमें अक्सर व्यक्ति को अपने आप को या किसी ऐसे व्यक्ति को चोट पहुँचाने की छवियाँ जो आपको पसंद हैं.
इसमें अक्सर व्यक्ति को चीजों को खोने या उन चीजों के न होने का डर, होता है जिनकी आपको आवश्यकता हो सकती है.
मजबूरी के लक्षण भी बहुत ज्यादा होते है. मजबूरी के लक्षणों में मुख्य रूप से बाध्यकारी व्यवहार शामिल होते हैं जो दोहराए जाने वाले कार्य होते हैं जो लोग जुनून के कारण होने वाली चिंता को कम करने के लिए करते हैं. कुछ सामान्य मजबूरी के लक्षण, जो मुख्य रूप से मजबूरी के विचार हैं, वो इस प्रकार हैं -
किसी विशेष तरीके से वस्तुओं की गिनती बार-बार करना.
एक विशेष क्रम में वस्तुओं की व्यवस्था करना जैसे कि चादरें, किताबें आदि.
यह सुनिश्चित करने के लिए दरवाजे को बार-बार चेक किया जाता है कि वह बंद है या नहीं है.
यह सुनिश्चित करने के लिए स्टोव या किसी अन्य उपकरण की बार-बार जाँच करना कि वह बंद या नहीं है.