SONAR Full Form in Hindi, SONAR का Full Form क्या है, SONAR क्या होता है, सोनार क्या है, SONAR का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालो के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
SONAR की फुल फॉर्म Sound Navigation And Ranging होती है. इसको हिंदी में ध्वनि नेविगेशन और रेंजिंग कहते है. इस तकनीक को हम समुद्र की गहराई मापने या समुद्र में मौजूद किसी पदार्थ का पता लगाने के लिए उपयोग करते है. जैसे हम आसमान में किसी हवाई जहाज या मिसाइल का पता लगाने के लिए रेडार का उपयोग करते है ठीक उसी तरह से हम समुद्र में अपने आस पास के एक ऑब्जेक्ट से दुसरे ऑब्जेक्ट की दूरी पता लगाने के लिए SONAR का उपयोग किया जाता है. सोनार तकनीक का उपयोग किसी जहाज के मलवे को ढूंडने के लिए भी किया जाता है.
SONAR का उपयोग करके ही पानी में रहने वाले जीव का पता लगाते है कि उनके आगे कोन सी चीज कितनी दूरी पर है और चमगादड़ भी सोनार ध्वनि लहर के जरिये ही अँधेरे में आसानी से पता लगा लेता है कि उसके आगे कोई दीवार या कोई ऑब्जेक्ट है या नही और उसको कितना तेज उड़न है और दाहिने मुड़ना है या बाएं.
सोनार बस एक प्रतिध्वनि का उपयोग कर रहा है. जब कोई जानवर या मशीन शोर मचाती है, तो वह अपने आसपास के वातावरण में ध्वनि तरंगें भेजती है. वे तरंगें आस पास की वस्तुओं से टकराती हैं और उनमें से कुछ उस वस्तु पर वापस लौटती हैं जिसने शोर किया था. यह उन ध्वनि तरंगों को प्रतिबिंबित करता है जो आप सुनते हैं जब आपकी आवाज एक घाटी से आपके पास वापस आती है. व्हेल और विशेष मशीनें दूर की वस्तुओं का पता लगाने और उनके आकार और गति को समझने के लिए परावर्तित तरंगों का उपयोग कर सकती हैं.
कम आवृत्ति वाले सोनार की सीमा उल्लेखनीय है. डॉल्फ़िन और व्हेल 50 फीट 15 मीटर दूर से बीबी गोली के रूप में छोटी वस्तुओं के बीच का अंतर बता सकती हैं और वे सोनार का उपयोग अपने भोजन, परिवारों और दिशा को खोजने के लिए दृष्टि से बहुत अधिक करते हैं. सेना द्वारा परीक्षण किए जा रहे LFA सोनार हजारों मील की यात्रा कर सकते हैं और केवल चार बिंदुओं से प्रसारण करके पृथ्वी के 80% महासागरों को कवर कर सकते हैं. आवृत्ति जो व्हेल और सैन्य उपयोग दोनों 100 और 500 हर्ट्ज के बीच गिरती है. व्हेल 160 और 190 डीबी के बीच सिग्नल भेजते हैं नौसेना ने 235 डीबी तक के स्तर पर अपने सोनार संकेतों का परीक्षण किया है.
SONAR दो तरह से काम करता है -
Active Sonar
Passive Sonar
Active Sonar Technology में एक तरफ से ध्वनि की तरंग को भेजा जाता है. और जब वह तरंग सामने वाले किसी वस्तु से टकराकर वापस आती है तो तब हम ट्रांसमीटर से पता लगा सकते है कि सामने वाली वस्तु हमसे कितनी दूरी पर है.
Passive Sonar Technology में हम बिना किसी ध्वनि की तरंग को भेजे ही सामने से आने वाली तरंग से पता लगा सकते है कि हमारे आस पास कोन सी वस्तु कितनी दूरी पर है और इस तकनीक का उपयोग नौसेना में भी किया जाता है ताकि उनको पता लग सके कि कही कोई दुशमन का जहाज उनके इलाके में तो नही घुस आया है.