TA & DA Full Form in Hindi, TA & DA का Full Form क्या है, TA & DA क्या होता है, टीए डीए क्या है, TA & DA का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालो के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
TA & DA की फुल फॉर्म Travelling Allowance & Dearness Allowance होती है. इसको हिंदी में यात्रा भत्ता और महंगाई भत्ता कहते है. यह कर्मचारियों को उनके संगठन द्वारा भुगतान की गई राशि को दर्शाता है.
Travelling Allowance - यह व्यापार दौरे के दौरान यात्रा और अन्य खर्चों के लिए कर्मचारी को भुगतान की गई राशि को दर्शाता है. इसमे आमतौर पर यात्रा टिकट, होटल बिल और भोजन व्यय आदि की कीमत शामिल होती है.
कुछ कंपनियां मासिक आधार पर एक निश्चित यात्रा भत्ता का भुगतान करती है और कुछ कंपनियों को आपको यात्रा के दौरे पर खर्च की गई राशि प्राप्त करने के लिए यात्रा टिकट, होटल बिल और अन्य बिल पेश करने की आवश्यकता होती है. यात्रा भत्ते तय किए गए है ताकि कर्मचारी को सीमा के भीतर खर्च करना पड़े. यदि वह अधिक खर्च करता है तो उसे अतिरिक्त यात्रा खर्च करना पड़ता है.
Dearness Allowance - इसे सामान्य भाषा में महंगाई भत्ता कहा जाता है. यह पेंशन भोगियो और सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनो के कर्मचारियों को आवंटित धन की राशि को संदर्भित करता है. यह मूल रूप से जीवित भत्ता की लागत है जो लोगों को उनकी रहने की लागत को समायोजित करने मे मदद करता है. कर्मचारियों को महंगाई भत्ता के रूप मे आवंटित मूल वेतन का एक विशिष्ट प्रतिशत आवंटित किया जाता है. महंगाई भत्ता शहर से शहर में भिन्न होता है क्योंकि जीवित लागत भी एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न होती है मेट्रो शहरों मे रहने की लागत छोटे शहरो और ग्रामीण क्षेत्रों से अधिक होती है.
House Rent Allowance - House Rent Allowance X, Y और Z Category के शहरों के लिए क्रमश 24 फीसद, 16 फीसद और 8 फीसद निर्धारित किये गये है. HRA क्रमानुसार 54,00 रुपये, 36,00 रुपये और 18,00 रुपये से कम नहीं होना चाहिए. हालांकि इससे पहले यह 18,000 के न्यूनतम वेतन पर क्रमानुसार 30 फीसद, 20 फीसद और 10 फीसद निर्धारित था. House Rent Allowance की पूरी राशि कर छूट के दायरे में नहीं आती है. सबसे खास बात जो आपको बात याद रखनी चाहिए HRA बेसिक सैलरी के 50 फीसद से ज्यादा नहीं हो सकता है. HRA के अंतर्गत टैक्स क्लेम तभी किया जा सकता है जब मकान का किराया बेसिक सैलरी के 10 फीसद से कम हो.