TDR Full Form in Hindi, TDR का Full Form क्या है, TDR क्या होता है, टीडीआर क्या है, TDR का पूरा नाम और हिंदी में क्या अर्थ होता है, ऐसे सभी सवालो के जबाब आपको इस Post में मिल जायेंगे.
TDR की फुल फॉर्म Ticket Deposit Receipt होती है. इसको हिंदी में टिकट डिपोजिट रीसिप्ट कहते है. इसका उपयोग Ticket Cancellation के लिए किया जाता है. Ticket Cancel करा कर रकम का Refund लेने के लिए TDR File किया जाता है.
TDR उन लोगों के लिए है जो एक बुक टिकट होने के बावजूद ट्रेन यात्रा नहीं करते हैं और रिफंड के लिए आवेदन करना चाहते हैं. भारतीय रेलवे की ई-टिकटिंग शाखा, IRCTC, TDR को ऑनलाइन दाखिल करने की सुविधा प्रदान करती है. भारतीय रेलवे एक नई सुविधा भी लेकर आई है जो यात्रियों को जो TDR दायर कर चुकी है ऑनलाइन धनवापसी की स्थिति की जांच कर सकती है. आईआरसीटीसी की वेबसाइट के अनुसार, चार्ट की तैयारी तक एक ई-टिकट को ऑनलाइन रद्द किया जा सकता है. चार्ट तैयार करने के बाद उपयोगकर्ता को रिफंड का दावा करने के लिए ऑनलाइन टीडीआर फाइल करना होगा.
रेलवे द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार, रिफंड की प्रक्रिया संबंधित जोनल रेलवे द्वारा की जाती है. एक बार संबंधित जोनल रेलवे से रिफंड मिलने के बाद आईआरसीटीसी ग्राहक के खाते में राशि वापस भेज देता है.
अगर ट्रेन रद्द हो जाती है तो टीडीआर दाखिल करने की कोई आवश्यकता नहीं होती है. IRCTC रिफंड को स्वचालित रूप से संसाधित करता है.
अगर ट्रेन 3 घंटे से अधिक देरी से चल रही है और यात्री ने यात्रा नहीं की है तो पूर्ण वापसी का लाभ उठाने के लिए ट्रेन के वास्तविक प्रस्थान से पहले एक टीडीआर दायर किया जाना चाहिए.
अगर यात्री ने बुक किए गए टिकट पर यात्रा नहीं की है तो टिकट रद्द होने या ऑनलाइन दर्ज किए गए टीडीआर का कोई रिफंड नहीं दिया जाएगा.
कन्फर्म तत्काल टिकट के मामले में कोई रिफंड नहीं दिया जाता है. लेकिन कुछ मामलों में रेलवे धनवापसी की अनुमति देता है और ग्राहक को आईआरसीटीसी वेबसाइट के माध्यम से टीसीएस फाइल करना पड़ता है. विशेष स्थितियों में शामिल हैं अगर ट्रेन को यात्री के मूल स्थान पर यात्रा में 3 घंटे से अधिक की देरी हो रही है यदि ट्रेन को डायवर्ट किए गए मार्ग पर चलना है और यात्री यात्रा करने के लिए तैयार नहीं है और यदि ट्रेन को चलाना है डायवर्टेड रूट और बोर्डिंग स्टेशन या गंतव्य या दोनों स्टेशन डायवर्टेड रूट पर नहीं हैं.
RAC Waitlisted टिकटों के मामले में कोई भी रिफंड नहीं दिया जाता है यदि कोई भी यात्री यात्रा नहीं करता है और यदि ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान से 30 मिनट पहले TDR दायर किया जाता है.
यह तो आपको मालूम हो गया होगा TDR को टिकट डिपोजिट रीसिप्ट के रूप में जाना जाता है. टीडीआर को Refund के लिए रेलवे द्वारा जारी किया जाता है. वही I-ticket के मामले में इसे रेलवे Authority जारी करती है. I-ticket की Booking आप ऑनलाइन करा सकते है. लेकिन यह टिकट आपको कागज Hardcopy के रूप में मिलेगा. I-ticket आपको Courier या Post के जरिए मिलता है और इसको Cancel करने के लिए आपको Counter पर जाने की जरूरत होती है. दूसरी तरफ E-ticket के Cancellation के मामले में औपको TDR Filing का Online Process Follow करना होगा. इसके लिए ग्राहक को IRCTC की सुविधाओ का सहारा लेना पड़ेगा.
TDR आप अपनी यात्रा से पहले या फिर यात्रा शुरू होने के एक घंटे के भीतर फाइल कर सकते है. वही Refund Process को लगभग 60 दिन या फिर उससे ज्यादा भी लग सकते है. वही Chart बन जाने के बाद E-ticket की Refund Application Online डाली जा सकती है.
तत्काल टिकट को Cancel कराया जा सकता है लेकिन इससे जुड़े नियम अलग है. E-ticket के जरिए बुक किेए गए तत्काल Confirm टिकट की Cancellation पर कोई Refund नहीं मिलता. वही Waiting List तत्काल टिकट की Cancellation पर Refund कुछ Charges के काटने के बाद किया जाएगा. यह Charges रेलवे नियमो के मुताबिक काटे जाएंगे.
IRCTC से Refund मिलने में 2 से 4 दिन का समय लगता है. वही कई बार इस Process में 6 से 8 दिन तक भी लग जाते है. Refund की रकम आपके बैंक खाते में पहुंचने में इतना समय लग जाता है. हालांकि कई बार यह समय सीमा 10 दिन तक की भी हो सकती है.