गोवा सामान्य ज्ञान




गोवा का संयोजन भगवान परशुराम ने किया था. ज्यादातर लोगों को यह भी कहना है कि भगवान परशुराम ने एक यज्ञ के दौरान अपने Arrow की बौछार से समुद्र को कई स्थानों पर बहुत पीछे धक्का दें दिया था.

लेकिन सबसे बड़ी बात यह है की आज भी लोगो का यह मानना है की कि इसी वजह से आज भी गोवा में बहुत से स्थानों का नाम वाणावली, वाणस्थली आदि है.

आज भी गोवा के उत्तरी हिस्से में Harmal के पास भूरे रंग के एक पहाड़ को परशुराम के यज्ञ करने का स्थान माना जाता है. Aur यहाँ पर उस time में मौर्य वंश के शासन-काल की स्थापना हुई थी. लेकिन फिर बाद में पहली सदी के शुरुआत में इस पर Kolhapur के सातवाहन वंश के शासकों का अधिकार स्थापित हो गया था और फिर बादामी के Chalukyas राजाओं ने इस पर वर्ष 580 से 750 तक अपना राज चलाया है.

फिर बाद में इस पर अलग अलग राजाओं ने अपना शासन काल स्थापित किया.

गोवा पहली बार सन 1312 में Delhi सल्तनत के Under हुआ था लेकिन इसके बाद उन्हें विजयनगर के राजा हरिहर प्रथम द्वार वहाँ से खदेड़ दिए गए थे. फिर बाद में लगभग अगले 100 सालों तक विजयनगर के राजाओं ने यहाँ राज किया और फिर उसके बाद में सन 1469 में गुलबर्ग के बहामी सुल्तान द्वारा फिर से Delhi सल्तनत का हिस्सा बनाया गया था.

बहामी शासकों के जाने के बाद यहाँ पर बीजापुर के Aadil शाह ने यहाँ पर आपने कब्ज़ा किया और अपना शासन काल स्थापित किया और फिर इसने गोअ-वेल्हा हो अपनी दूसरी राजधानी बनाई

Goa क्षेत्रफल के हिसाब से भारत का सबसे छोटा राज्य कहलाता है और जनसंख्या के हिसाब से 4 सबसे छोटा राज्य कहलाता है. Mahabharat के समय की बात करे तो उस समय में Goa का ज़िक्र गोपराष्ट्र यानि गाय चराने वालों के देश के रूप में मिलता है. Goa उस समय मुख्य रूप से एक तटीय City था. इसलिए पुर्तगाल के यात्रियों ने इसका नाम गोवा रखा था.

Goa में सिर्फ 2 जिले है, पणजी ज़िला और मार्गो ज़िला, पणजी ज़िला गोवा प्रदेश की राजधानी भी है और ये जिला जनसँख्या और क्षेत्रफल में बड़ा ज़िला भी है.

गोवा के सभी जिलों के नाम

  • पणजी जिला

  • मार्गो जिला