Hello Friends Tutorialsroot मे आपका स्वागत है आज हम आपको इस Post में MRI Machine के बारे में बताने जा रहे है जिसमे आपको MRI Machine के बारे में सीखने को मिलेगा हमे आशा है की पिछली बार की तरह इस बार भी आप हमारी Post को पसंद करेंगे. बहुत कम लोग ही जानते होंगे की MRI Machine क्या है और इसका उपयोग कैसे और क्यों किया जा रहा है अगर आप इसके बारे में नही जानते तो कोई बात नहीं हम आपको इसके बारे में पूरी तरह से जानकारी देंगे इसके लिए हमारी Post को शुरू से अंत तक ज़रुर पढ़े.
MRI की फुल फॉर्म Magnetic Resonance Imaging होती है. इसको हिंदी में चुम्बकीय अनुनाद प्रतिबिम्बन कहते है.
MRI एक Imaging Technology है जो शरीर के आंतरिक संरचनाओं को विवरण में प्रदर्शित करती है. MRI X-ray की तुलना में अधिक साफ़ है. इसे NMRI परमाणु चुंबकीय अनुनाद इमेजिंग या एमआरटी चुंबकीय अनुनाद टोमोग्राफी भी कहा जाता है. यह शरीर की शरीर रचना विज्ञान और शरीर विज्ञान की जांच के लिए Radiology का उपयोग करता है. MRI स्कैनर मानव शरीर की छवियों को बनाने के लिए मजबूत चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों का उपयोग करते है.
MRI में कितना समय लगता है अगर इस बारे मे बात की जाये तो हम आपकी जानकारी के लिए बताना चाहेंगे इसमें 30 मिनट से लेकर 1 घंटे तक का समय लगता हैं. हालाकि यह समय इस बात पर निर्भर करता है कि शरीर का कौन सा, कितना बड़ा हिस्सा स्कैन किया जाना है और कितनी तस्वीरें ली जानी हैं. MRI Radiation के बजाए Magnetic Field पर काम करता है. इसलिए यह X Ray और CT Scan से अलग है.
Radiologist डॉ संदीप का कहना है कि पूरे शरीर में जहां जहां हाइड्रोजन होता है उसके Spin यानी घूमने से एक Image बनती है. Body में 70 फीसदी Water होता है इसलिए हाइड्रोजन Spin के ज़रिए बने Image से Body की काफी दिक्कतों का पता लगाया जा सकता है.
Brain, Knee, Spine की Bone जैसे शरीर के अलग अलग Parts में जहां कहीं भी Soft Tissue होती है उनका अगर MRI Scan होता है तो Hydrogen Spin से Image बनने के बाद ये पता लगाया जाता है कि Body के उन Parts में कोई खिंचाव तो नहीं है.
दोस्तों MRI Scan के दिन आप खाना या पानी पी सकते हैं और अपनी दवाएं भी ले सकते हैं. हालांकि कुछ मामलों में Scan से चार घंटे पहले तक ही खाने को कहा जाता है जिससे चार घंटों की Fasting हो सके. इसमें अक्सर कुछ लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी भी पीने को भी कहा जाता है. अस्पताल पहुंचने पर जिसका Scan होना है उसकी सेहत और मेडिकल जानकारी मांगी जाती है जिससे मेडिकल स्टाफ़ को ये मालूम हो सके कि Scan करना कितना सुरक्षित है या नहीं. सभी जानकारी देने के बाद मंजूरी भी मांगी जाती है कि आपका Scan किया जाए या नहीं. क्योंकि MRI Scanner ताक़तवर Magnetic Field पैदा करता है और ऐसे में उसके भीतर जाते वक़्त Body पर कोई Metal Object नहीं होना चाहिए. इनमें ये चीज़ें शामिल हैं होती है जैसे कि -
घड़ी
विग
नेकलेस
झुमके
नकली दांत
सुनने की मशीन
MRI मशीन तीन तरह की होती हैं.
1 टेस्ला
1.5 टेस्ला
3 टेस्ला
दोस्तों टेस्ला वो यूनिट होती है जिसमें Machine की क्षमता को मापा जाता है. 3 टेस्ला Unit की क्षमता वाली MRI Machine लोहे की पूरी अलमारी को अपनी ओर खींचने की ताकत रखती है. अगर आसान शब्दों में कहे तो Machine जितनी ज्यादा टेस्ला वाली होगी उतना ही ज्यादा उसका Magnetic फील्ड होगा . MRI कराने वाले कमरे के बाहर आपको ये लिखा मिलेगा कि दिल में पेस मेकर लगा हो या फिर शरीर में कहीं भी Neuro Stimulator लगा हो तो Scan न कराएं.
MRI Scanner एक Cylindrical Machine होती है यह दोनों तरफ़ से खुली होती है. MRI Scan में जांच कराने वाला व्यक्ति Bed पर लेटता है और फिर वो भीतर जाता है. अक्सर कुछ मामलों में Body के किसी ख़ास हिस्से पर Frame रखा जाता है जैसे कि सिर या छाती. Frame में ऐसे रिसीवर लगे होते हैं जो Scan के दौरान Body की तरफ़ से जाने वाले Signal Hides हैं जिससे अच्छी वाली इमेज लेने में सहयता मिलती है. Scan के समय कई बार तेज़ आवाज़ें आती हैं जो Electric Current की होती है और इस प्रकार की आवाज से बचने के लिए Headphone भी दिए जाते हैं.