Network Hub क्या है - What is Network Hub in Hindi




Hub एक ऐसा Network Device होता है जो Multiple Ethernet Device को आपस मे जोड़ता है जिस से वो आपस मे Resources को शेयर कर सके और Data को ट्रान्सफर कर सके. Network Hubs को Repeaters भी कहा जाता है. Hub Layer 1 Device होते है. Hubs Computer को Communicate करने के लिए आपस में जोड़ने का कार्य करता है. Hubs Intelligent नहीं होते है. Hubs Logical और Physical Address के Base पे Data को Forward नहीं कर सकते है.

Hub कैसे काम करता है

एक हब नेटवर्क में उपकरणों के लिए एक सामान्य Connection Point है. Hub का उपयोगआमतौर पर एक लैन के Segments को जोड़ने के लिए किया जाता है. एक Hub में बहुत से पोर्ट होते हैं. जब कोई पैकेट एक पोर्ट पर आता है तो उसे दूसरे पोर्ट्स में कॉपी किया जाता है ताकि LAN के सभी सेगमेंट सभी पैकेट्स को देख सकें.

अगर सरल शब्दों में कहा जाये तो एक हब डेटा को केवल एक पोर्ट में आता है और हब के अन्य सभी पोर्ट्स को भेजता है. यह विभिन्न नेटवर्कों के बीच डेटा के किसी भी फ़िल्टरिंग या पुनर्निर्देशन का प्रदर्शन नहीं करता है.

आपको अपने लैन के लिए एक अलग नेटवर्क बनाने की आवश्यकता होती है इसलिए आपको नेटवर्क के बीच आईपी ट्रैफ़िक को फ़िल्टर करने की आवश्यकता होती है और प्रत्येक नेटवर्क पर बस एक-दूसरे के लिए सब कुछ पास न करें. Hub नेटवर्क को अलग रखने के लिए आवश्यक फ़िल्टरिंग प्रदान नहीं करता है.

हालांकि अगर देखा जाए तो ऐसे संदेश भी हैं जो दो नेटवर्क बनाने के तरीके के रूप में केबल मोडेम तक अपलिंक पोर्ट को जोड़ने की सलाह देते हैं. यह पोर्ट कुछ हब पर दी गई एक सुविधा है जिससे आपको कई हब को एक साथ जोड़ने या हब से कुछ डिवाइस कनेक्ट करने के लिए एक विशेष प्रकार की केबल एक क्रॉसओवर केबल का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है.

अपलिंक कोई फ़िल्टरिंग या रूटिंग नहीं करता है. अपलिंक पोर्ट केवल एक विशेष रूप से वायर्ड पोर्ट है जिसमें उल्टे चैनल प्राप्त करने और प्रसारित करने के लिए कनेक्शन हैं. यह Hub को एक साथ जोड़ने कभी-कभी डेज़ी-चेनिंग कहा जाता है ताकि अधिक पोर्ट प्रदान किया जा सके या हब को कुछ प्रकार के नेटवर्क उपकरणों जैसे केबल या डीएसएल मॉडेम से जोड़ा जा सके.

Hubs Half Duplex Communication Perform करता है. इससे कोई Host Data Send कर सकता है या Receive कर सकता है. इससे दोनों काम एक साथ नहीं किये जा सकते है इसलिए Hub में Frames बहुत ज्यादा Collision होते है. क्योंकि जब कोई एक Host Frame Send कर रहा होता है तो दूसरा Host भी उसी समय Frame Send कर रहा होता है इसलिए इसे Collision कहते है.

Collision से बचने के लिए एक Technique उपयोग की जाती है जिसे Carrier Sense Multiple Access with Collision Detection कहते है. इस Technique में कोई भी Host Frame Send करने से पहले Check करता है की Link Blank है या नही. अगर Link में कोई Signal होता है तो ये Host प्रतीक्षा करता है जब Link Blank हो जाती है तब ये Host अपना Frame Send करता है.

जब यह टकराव होता है तो Frame Send करने वाले Hosts को पता चल जाता है और जो Frames Send किये गए थे वो Frames नष्ट हो जाते है और Hosts एक Jammed Signal Send करता है जो Show करता है की दोनों Hosts प्रतीक्षा करने वाले है. दोनो Hosts का इंतजार का समय अलग अलग होता है यानी एक Host अगर Back Frame Send करने से पहले 10 सेकंड प्रतीक्षा करेगा तो दूसरा Host 15 सेकंड प्रतीक्षा करेगा जिससे यह दुबारा टकराव ना हो

सबसे खास बात जो आपको हमेशा याद रखनी है जब भी Hub से Connected दो Device एक साथ Frames Send करेंगे तो टकराव होगा इसलिए Hub से Connected सभी Devices एक ही Collision Domain के अंदर आते है. Hubs Single Collision Domain को Represent करता है.

Types of Network Hub

Network Hub बहुत से प्रकार के होते है यहाँ आप नीचे कुछ Hub के प्रकार देख सकते है -

  • Active Hub - Active Hub हमारे Signal को Regenerate तो करते ही हैं साथ ही साथ Signal को Increase भी करते है. Acative Hubs को काम करने के लिए Electricity की जरूरत होती है.

  • Passive Hub - अगर Passive Hub की बात की जाये तो यह आसानी से पीछे से आ रहे Signal को आगे Distribute कर देते है. Passive Hub किसी भी Signal को Regenerate नहीं करता है और न ही Increase इसलिए इसको काम करने के लिए Electricity की जरूरत नहीं पड़ती..

  • Intteligance Hub - Intteligance Hub Administrator को Network Traffic को Monitor करने में सहायता करता है और आप इसके किसी भी Port को Individually Configure कर सकते है.




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