Operating System User और Computer के बीच एक तालमेल बनता है. Computer के Hardware तैयार करने के बाद Computer में कुछ मुख्य Software Program डाले जाते है उसके बाद Computer On होता है और आप Screen पर कुछ देख पाते पाते है. इन्हें ही Operating System कहा जाता है यानि Computer को चलाने के लिए कुछ मुख्य Software Program होते है. सबसे पहले Computer के अंदर आपको यह Software Program डालने होंगें तभी Computer कोई भी काम करेगा. Operating System के बिना Computer कुछ भी नहीं है.
Operating System ही वह जरिया है जिसकी सहायता से हम अपनी बात Computer Hardware तक पंहुचा पाते हैं या Hardware को Command दे पाते है. Operating System Hardware और हमारे यानि User के बीच एक पुल का काम करता है. Operating System की ही मदद से आप Keyboard से कुछ लिख पाते है और एक साथ कई काम को भी जल्दी से कर पाते है यानि जितना अच्छा Operating System उतना ही अच्छा काम उससे कर सकते है.
Operating System के पास Users, Hardware, Program यानि Software का पूरा जानकारी एकत्रित होता है. यानि आप इससे वही काम कर सकते हैं जिसकी सुविधा इसमें दी गयी हो इससे अन्य काम लेने के लिये आपको Operating System में अपनी सुविधानुसार Program यानि Software Installs करने होते है. जैसे Letter Typing एवं Office Related कार्यो के लिये M/S Office या Internet उपयोग करने के लिये Browser आदि.
वैसे तो Operating System कंप्यूटर के सारे काम करता है लेकिन हम यहाँ 6 कामो को ही बतायेगे जो सबसे महत्वपूर्ण है.
इंसान बहुत मतलबी है यह Computer के पास आता ही किसी ना किसी काम को पूरा करने के लिए. हम आपने ढेर सारे काम के लिए अलग अलग Software उपयोग करते है. Operating System इन Software को चलाने मे मदद करता है. यह इन Software को ऐसा Environment देता है जिससे बहुत सारे Program एक समय मे Execute हो सके. इसे Multitasking कहा जाता है.
Computer हमारी Problem Solve करता है अगर हम उससे कुछ पूछे. इसे Input Devices कहा जाता है. जब हम कुछ Input करते है तो Computer उसे Process करके हमें जल्द Output देता है. Operating System Input Output Operation को Message करता है.
Computer में बहुत सी File और Folder रोज बनते हैं इन सभी को बनाने और Delete करने का काम Operating System करता है. और यह पुराने Files का Backup भी लेता है. अगर कोई File गलती से Delete हो जाए तो यह उसे Restore भी करता है.
Computer में दो तरह की Memory होती है Primary और Secondary. इनका उपयोग भी अलग अलग होता है. जिनमें Primary Memory Computer की Speed को बढ़ाती है और Secondary Memory Computer की File और Data को सुरक्षित रखती है. इन दोनों को Manage करने का काम भी Operating System करता है.
Computer के अंदर Data के Communications को Operating System Manage करता है. Computer 0 और 1 की भाषा को ही समझ पाता है. इसमें ऐसे Program बने होते हैं जो Computer को उसकी भाषा में चलाते है. Operating System Computer के Instruction को Communicate करता है.
जब कोई ऐसा Program Computer में आ जाये जो Computer की Speed और Operating System की Coding को बिगाड़ने का काम करें तो उसमें Error आ जाती है और Computer Message देता है. ऐसे Program को वायरस कहा जाता है. Operating System Computer में किसी भी तरह की खराबी को ढूंढता है और ठीक करता है. अगर वह उसे ठीक नहीं कर सके तो User को Information देता है.
Operating System एक ऐसा Software है जो Computer के Hardware को User की जरूरत के अनुसार काम करवाता है और उसे Organized रखता है इसे System Software भी कहते है. Computer को चलाने के लिए Operating System बहुत जरूरी है.
आज के समय में टेक्नोलॉजी हर रोज बदल रही हालांकि अब तो यह कहना भी गलत नहीं होगा की टेक्नोलॉजी हर घंटे बदल रही है. इस बदलती टेक्नोलॉजी की सबसे खास बात यह यही जैसे ही यह बदलती है इसके साथ सब कुछ बदल जाता है. इसी प्रकार Operating System का उपयोग अब सभी Field में बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है जैसे Railway, Research, Satellite, Industry आदि. अगर देखा जाये तो Operating System बहुत से प्रकार के होते है लेकिन जो सबसे खास और आज के समय में ज्यादा प्रचलित हैं वो सभी आप नीचे देख सकते है.
विन्डोज सीई (Windows CE)
विन्डोज 3.x (Windows 3.x)
विन्डोज 95 (Windows 95)
विन्डोज 98 (Windows 98)
विन्डोज 98 एस ई (Windows 98 SE)
विन्डोज एमई (Windows ME)
विन्डोज एनटी (Windows NT)
विन्डोज 2000 (Windows 2000)
विन्डोज एक्सपी (Windows XP)
विन्डोज 7 (Windows 7)
विन्डोज 8 (Windows 8 )
विंडोज 10 (Windows 10)
लिनक्स (Linux)
मैक ओ एस (Mac OS)
एमएस डॉस (MS-DOS)
आईबीएम ओएश/2 (IBM OS/2)
यूनिक्स (Unix)