ROM Kya Hai




ROM Kya Hai

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Hello Friends Tutorialsroot मे आपका स्वागत है आज हम आपको इस Post में ROM के बारे में बताने जा रहे है जिसमे आपको ROM के बारे में सीखने को मिलेगा हमे आशा है की पिछली बार की तरह इस बार भी आप हमारी Post को पसंद करेंगे. बहुत कम लोग ही जानते होंगे की ROM क्या है और इसका उपयोग कैसे और क्यों किया जाता है अगर आप इसके बारे में नही जानते तो कोई बात नहीं हम आपको इसके बारे में पूरी तरह से जानकारी देंगे इसके लिए हमारी Post को शुरू से अंत तक ज़रुर पढ़े.

कंप्यूटर और मोबाइल में मुख्यत दो तरह के मैमोरी का उपयोग होता है. रैम मैमोरी और रोम मैमोरी. आम उपभोक्ता के लिए यह समझना थोड़ा कठिन होता है कि इनमें अंतर क्या है. वहीं फोन और कंप्यूटर की खरीदारी के दौरान कौन सी मैमोरी ज्यादा उपयोगी है. आज हम आपको इस Post में रोम मैमोरी के बारे में बतायंगे तो चलिए हम बताते है रोम मौमोरी क्या है.

ROM Kya Hai - What is ROM in Hindi

ROM की फुल फॉर्म Read Only Memory होती है. ROM को हिंदी मे केवल पठनीय स्मृति कहते है. ROM एक मेमोरी डिवाइस या स्टोरेज माध्यम है जो जानकारी को स्थायी रूप से स्टोर करता है. यह रैंडम एक्सेस मेमोरी के साथ कंप्यूटर की प्राइमरी मेमोरी यूनिट भी है. इसे रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है क्योंकि हम केवल इस पर स्टोर किए गए प्रोग्राम और डेटा को पढ़ सकते हैं लेकिन इस पर लिख नहीं सकते. यह उन शब्दों को पढ़ने के लिए प्रतिबंधित है जो यूनिट के भीतर स्थायी रूप से संग्रहीत हैं.

ROM के निर्माण के समय प्रोग्राम को ROM में Store किया जाता है. इसके बाद ROM की सामग्री को परिवर्तन नहीं किया जा सकता है अगर आसान शब्दों में कहे तो आप बाद में इसकी सामग्री को दोबारा नहीं लिख सकते और न ही मिटा सकते हैं. लेकिन कुछ प्रकार के ROM हैं जहाँ आप डेटा को संशोधित कर सकते हैं.

ROM में विशेष आंतरिक इलेक्ट्रॉनिक फ़्यूज़ होते हैं जिन्हें एक विशिष्ट इंटरकनेक्शन पैटर्न जानकारी के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है. चिप में स्टोर बाइनरी जानकारी डिजाइनर द्वारा निर्दिष्ट की जाती है और फिर आवश्यक इंटरकनेक्शन पैटर्न जानकारी बनाने के लिए निर्माण के समय यूनिट में एम्बेडेड होती है. एक बार पैटर्न जानकारी स्थापित हो जाने के बाद यह बिजली बंद होने पर भी यूनिट के भीतर रहता है. यह एक Non-volatile Memory है क्योंकि यह बिजली बंद होने पर भी सूचना रखती है या आप अपने कंप्यूटर को बंद कर देते हैं.

दोस्तों Information को रैम में जोड़ा जाता है बिट्स के रूप में एक प्रक्रिया के रूप में जाना जाता है जिसे ROM को प्रोग्रामिंग के रूप में जाना जाता है क्योंकि बिट्स को डिवाइस के हार्डवेयर कॉन्फ़िगरेशन में स्टोर किया जाता है. ROM एक प्रोग्रामेबल लॉजिक डिवाइस है.

ROM का उपयोग फ़र्मवेयर को स्टोर करने के लिए भी किया जाता है जो एक सॉफ्टवेयर प्रोग्राम है जो हार्डवेयर से जुड़ा रहता है या कीबोर्ड, हार्ड ड्राइव, वीडियो कार्ड जैसे हार्डवेयर डिवाइस पर प्रोग्राम किया जाता है. यह हार्डवेयर डिवाइस के फ्लैश रोम में स्टोर होता है. यह अन्य उपकरणों के साथ बातचीत करने के लिए डिवाइस को निर्देश प्रदान करता है.

उदाहरण के लिए - व्यक्तिगत कंप्यूटर और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट, टीवी, एसी आदि पर स्थायी रूप से स्टोर डेटा भी ROM का एक उदाहरण है.

दोस्तों जब आप अपना कंप्यूटर Start करते हैं तो स्क्रीन फौरन दिखाई नहीं देती है. यह दिखने में समय लगता है क्योंकि रॉम में स्टार्टअप निर्देश स्टोर होते हैं जो बूटिंग प्रक्रिया के दौरान कंप्यूटर को Start करने के लिए आवश्यक होते हैं. बूटिंग प्रक्रिया का काम कंप्यूटर को Start करना होता है. दोस्तों यह आपके कंप्यूटर पर स्थापित मुख्य मेमोरी रैम में ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करता है. BIOS प्रोग्राम जो कंप्यूटर मेमोरी में मौजूद होता है वह Rom का उपयोग कंप्यूटर के माइक्रोप्रोसेसर द्वारा बूटिंग प्रक्रिया के दौरान कंप्यूटर को Start करने के लिए किया जाता है. यह आपको कंप्यूटर को खोलने की अनुमति देता है और कंप्यूटर को ऑपरेटिंग सिस्टम से जोड़ता है.

ROM के प्रकार

ROM चार प्रकार के होते है जिनके बारे में आप एक एक करके नीचे देख सकते है -

  • MROM (Masked Read Only Memory)

  • PROM (Programmable Read Only Memory)

  • EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)

  • EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)

MROM (Masked Read Only Memory)

ये सबसे पहला वाला ROM है. आज के समय में यह अप्रचलित हो गया है इसलिए इसका उपयोग आज की दुनिया में कहीं भी नहीं किया जाता है. यह एक हार्डवेयर मेमोरी डिवाइस है जिसमें निर्माता द्वारा निर्माण के समय प्रोग्राम और निर्देश स्टोर किए जाते हैं. इसलिए इसे निर्माण प्रक्रिया के दौरान क्रमादेशित किया जाता है और बाद में इसे Modify, Retrieve या Delete नहीं जा सकता है.

MROM चिप्स इंटीग्रेटेड सर्किट से बने होते हैं. चिप्स चिप पर Rows और Columns के बीच फ़्यूज़ के स्थान द्वारा निर्धारित एक विशेष इनपुट आउटपुट मार्ग के माध्यम से एक करंट भेजते हैं. करंट को फ्यूज-इनेबल्ड पाथ से गुजरना होता है इसलिए यह केवल उसी आउटपुट के जरिए वापस आ सकता है जिसे निर्माता चुनता है. यही कारण है कि इस मेमोरी में Rewrite और कोई अन्य Modification असंभव नहीं है.

PROM (Programmable Read Only Memory)

PROM एक ऐसी Read Only Memory है जिसे हम सिर्फ एक बार ही Change सकते है. PROM में Data या Program को एक ही बार लिखा या Update किया जा सकता है. Program को एक बार Update करने के बाद इसको दोबारा Update नहीं किया जा सकता है. कहने का मतलब यह है की PROM में Manufacturer न करके ये Option User को दिया जाता है वो पहेली बार मे Data को Write कर सकता है उसके बाद वही Data हमेशा Read होगा दुबारा Write नही होगा.

इस चिप मे करंट सभी संभावित मार्गों से गुजरता है. प्रोग्रामर उनके माध्यम से एक उच्च वोल्टेज भेजकर अवांछित फ़्यूज़ को जलाकर करंट के लिए एक विशेष पथ चुन सकता है. उपयोगकर्ता के पास इसे प्रोग्राम करने या अपनी आवश्यकता के अनुसार डेटा और निर्देश जोड़ने का अवसर होता है. इस कारण के इसे यूजर प्रोग्राम्ड ROM के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उपयोगकर्ता इसे प्रोग्राम कर सकता है.

दोस्तों PROM चिप पर डेटा लिखने के लिए PROM प्रोग्रामर या PROM बर्नर नामक उपकरण का उपयोग किया जाता है. PROM को जलाने की प्रक्रिया या प्रोग्रामिंग को PROM कहा जाता है. एक बार जब यह प्रोग्राम किया जाता है तो डेटा को बाद में संशोधित नहीं किया जा सकता है इसलिए इसे एक बार का प्रोग्राम डिवाइस भी कहा जाता है. इसका उपयोग सेल फोन, वीडियो गेम कंसोल, चिकित्सा उपकरण, आरएफआईडी टैग और बहुत कुछ में किया जाता है.

EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)

EPROM मे Data या Programs को Update करने के साथ साथ आप उसको Erase भी कर सकते है. इस Memory को Erase करने के लिए, 40 या 50 मिनट तक Ultra Violet Light Pass किया जाता है तब जा कर यह Memory खाली होती है. इसका उपयोग कुछ माइक्रो-कंट्रोलर में प्रोग्राम को स्टोर करने के लिए किया जाता है उदाहरण के लिए इंटेल 8048 के कुछ संस्करण और फ्रीस्कूल 68,71111 है.

EEPROM (Electrically Erasable Programmable Read Only Memory)

ROM एक प्रकार की मेमोरी है जिसे Erased जा सकता है और बार-बार रिप्रोग्राम किया जा सकता है. इसे Flash EEPROM के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह फ्लैश मेमोरी के समान है. यह पराबैंगनी प्रकाश का उपयोग किए बिना विद्युत रूप से Erased कर दिया जाता है और पुन उत्पन्न किया जा सकता है. एक्सेस समय 45 और 200 नैनोसेकंड के बीच होता है.

इसकी Specialty यह है की इसको आप 10 हजार बार Erase कर सकते है और Programmed कर सकते है बस 4 से 10 Millisecond के अंदर आप इसको Erase और Programmed भी कर सकते है. आप इसमें Memory के कोई भी Location को Select कर सकते है और उसी को आप Erase और Programmed कर सकते है. आप को पुरे Chip को खाली करने की कोई जरुरत ही नहीं पड़ती. इस Advantage की वजह से ये EEPROM सरल है लेकिन धीमी है.

ROM के फायदे

  • इसमें Data अपने आप नहीं बदलते है बदलने से ही Data बदलता है.

  • ये स्थिर होती है इसलिए इसको बार बार रीफ़्रेश करने की जरुरत नहीं पड़ती है.

  • इसमें Data को बहुत सोच समझ के डाला जाता है क्योकि आप इसको बार बार बदल नहीं सकते है.

  • इसकी प्रकृति Non-Volatile है जो की Program को स्थाई रूप से Store करके रखता है.

  • ROM RAM के मुकाबले बहुत अच्छी होती है क्योकि RAM में Data तब तक रहता है जब तक Power Supply On रहती है.

Rom और Ram में क्या अंतर है - Difference Between Ram and Rom

  • Ram की Speed ROM से बहुत ज्यादा होती है.

  • Ram की क़ीमत ROM के मुकाबले भी कही ज्यादा होती है.

  • RAM का पूरा नाम Random Access Memory है जबकि ROM का पूरा नाम Read Only Memory है.

  • ROM का काम Data को Save रखने का होता है और RAM का काम तेजी से Information को CPU तक पहुचना होता है.

  • ROM में आपके मोबाइल का सारा Data Save होता है जब भी आप कोई Video, Photo, Document, Audio, Music और जो भी कोई Application Download करते हैं और Installs करते है वह ROM में ही होती है. ROM को Internal Memory भी कहते है जबकि RAM में वही Data काम करता है जो मोबाइल में RUNING में होता है और मोबाइल की Power of होते ही सारा Data Delete हो जाता है.





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