Web Browser का मतलब हम इसके शाब्दिक मतलब से ही ले सकते है यानि कि एक Web Browser वो होता है जिस से हम Internet पर उपलब्ध किसी भी Page पर जाने के लिए और उसे पढने के लिए उपयोग करते है और यह एक तरह से एक Software Application होती है जो हमे Internet पर Available किसी भी Information को दिखाने और उस तक पहुँचने में हमे Help Provide करती है. इसमे Photos, Media, Video और Text भी शामिल होते है तो चलिए आज हम Web Browser के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करते है आज की हमारी Post मे Web Browser के बारे मे बात करेंगे.
वेब ब्राउजर एक एप्लिकेशन सॉफ्टवेयर है जो आपको वेब पर जानकारी देखने और का पता लगाने की अनुमति देता है. उपयोगकर्ता किसी भी वेब पेज के लिए केवल एड्रेस बार में URL दर्ज करके Request कर सकता है. वेब ब्राउज़र टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो, एनीमेशन और बहुत कुछ Show कर सकता है. यह वेब पेज में निहित टेक्स्ट और कमांड की व्याख्या करने के लिए एक वेब ब्राउज़र का उत्तरदायी होता है.
कुछ समय पहले सभी वेब ब्राउजर टेक्स्ट आधारित थे लेकिन आज के समय में ग्राफिकल आधारित या वॉयस आधारित वेब ब्राउजर भी उपलब्ध हैं. आज के समय में उपलब्ध सबसे आम वेब ब्राउज़र निम्नलिखित हैं -
Browser | Vendor |
---|---|
Internet Explorer | Microsoft |
Google Chrome | |
Mozilla Firefox | Mozilla |
Netscape Navigator | Netscape Communications Corp |
Opera | Opera Software |
Safari | Apple |
Sea Monkey | Mozilla Foundation |
K-meleon | K-meleon |
वर्तमान समय में आपको बहुत सारे वेब ब्राउज़र मिल जायेंगे जो बाजार में उपलब्ध हैं. सभी वेब ब्राउज़र का एक जैसा ही काम होता है सभी वेब ब्राउज़र स्क्रीन पर जानकारी की व्याख्या और प्रदर्शन करते हैं लेकिन कार्यान्वयन के आधार पर उनकी क्षमता और संरचना अलग अलग होती है. लेकिन सभी वेब ब्राउज़र को प्रदर्शित करने वाले सबसे बुनियादी कॉम्पोनेन्ट के नाम आप नीचे देख सकते हैं -
Controller Dispatcher
Interpreter
Client Programs
यह नियंत्रक सीपीयू में एक नियंत्रण यूनिट के रूप में काम करता है. यह कीबोर्ड या माउस से इनपुट लेता है और इसकी व्याख्या करता है और इसे प्राप्त होने वाले इनपुट के आधार पर काम करने के लिए अन्य सर्विस बनाता है.
Interpreter Controller से जानकारी प्राप्त करता है और Instruction Line को Line द्वारा Execute करता है. अगर देखा जाए तो कुछ Interpreter अनिवार्य होते हैं और कुछ वैकल्पिक होते हैं. उदाहरण के लिए HTML Interpreter Program अनिवार्य है और Java Interpreter वैकल्पिक है.
क्लाइंट प्रोग्राम विशिष्ट प्रोटोकॉल का वर्णन करता है जिसका उपयोग किसी विशेष सेवा तक पहुंचने के लिए किया जाएगा. क्लाइंट प्रोग्राम का उपयोग आमतौर पर बहुत सी जगह पर किया जाता है कि इस प्रकार है -
HTTP
SMTP
FTP
NNTP
POP
जब आप Google पर कोई चीज़ Enter करते हैं तो वह Request इंटरनेट पर कई विशेष कंप्यूटरों में से एक पर जाती है जिसे डोमेन नेम सर्वर (DNS) के रूप में जाना जाता है. इन सभी Request को विभिन्न राउटर और स्विच के माध्यम से रूट किया जाता है. डोमेन नाम सर्वर मशीन के नामों और उनके आईपी एड्रेस को रखते हैं इसलिए जब आप Google में कुछ भी टाइप करते हैं तो यह एक नंबर में Translate हो जाता है जो उन कंप्यूटरों की पहचान करता है जो आपके लिए Google वेबसाइट की सेवा करते हैं.
जब आप वेब पर किसी भी पेज को देखना चाहते हैं तो आपको अपने ब्राउज़र का उपयोग करके पेज पर Request करके गतिविधि शुरू करनी चाहिए. ब्राउज़र एक डोमेन नाम सर्वर से आपके द्वारा आईपी एड्रेस में Request किए गए डोमेन नाम को Translate करने के लिए कहता है. हाइपरटेक्स्ट ट्रांसफर प्रोटोकॉल या एचटीटीपी नामक मानक का उपयोग करके ब्राउज़र तब उस सर्वर के लिए एक Request भेजता है जो आप चाहते हैं.
सर्वर लगातार इंटरनेट से जुड़ा होता है और यह Visitors के लिए Pages की Service के लिए तैयार है होता. जब यह एक Request प्राप्त करता है तो यह Requested Document को सर्च करता है और इसे वेब ब्राउज़र को वापस कर देता है. जब कोई Request आती है तो सर्वर आमतौर पर क्लाइंट के आईपी पते, दस्तावेज़ के Request और उस तारीख और समय को लॉग करता है. यह जानकारी सर्वर से सर्वर में अलग-अलग होती है.
HTTP Web Servers को बताता है की कैसे वेब पेज की सामग्री को Format और Transmit करना है और उपयोगकर्ताओं के द्वारा दिए गए आदेशों की प्रतिक्रिया करने के लिए Web Servers और Web Browsers दोनों को क्या करना है.
Http की Help से Web Clients और Web Servers को एक दुसरे से जुड़ने की Permission मिलती है. जब उपयोगकर्ता Web Browser के Address Bar पर एक Web Address Insert है तब Browser उसकी Request को HTTP Command के रूप मे Web Server को Send करता है उसके बाद Browser उस Web Server के साथ Connect हो जाता है और वहां से Requested Web Page को निकाल कर उपयोगकर्ता के Browser मे सारी Information दिखा देता है.
अगर Web Browser के इतिहास के बारे में बात की जाये तो इसमें सबसे पहला Web Browser का आविष्कार के तोर पर नाम Sir Tim Berners-Lee का आता है. इन्होने 1990 में सबसे पहले वेब ब्राउज़र का अविष्कार किया था. Sir Tim Berners-Lee Internet को Develop करने वाली एक संस्था (W3C) के निदेशक थे. इनके द्वारा बनाये गये Web Browser को सबसे पहले World Wide Web का नाम दिया गया और उसके बाद बदल कर इसको Nexus कर दिया गया था.
फिर बहुत समय बाद 1995 में जानी मानी Company Microsoft ने अपने Operating System के साथ Internet Explorer नाम से Internet Browser देना Start कर दिया और उसके बाद तो Internet से जुडी तमाम Companies मे हल चल सी हो गयी और सभी Companies ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया. लेकिन इसके बाद भी 2002 तक Internet Explorer का ही Market के 95 प्रतिशत हिस्से पर अधिकार रहा और इसके बहुत से Reason थे जिसमे से एक Reason यह भी था कि यह Windows के साथ ही Inbuilt आता था जिसकी वजह से Windows उपयोग करने वाले Customers के लिए Option बहुत कम थे.
इसके बाद सन 1996 मे Opera ने अपना Internet Browser को Launch किया इसने बाजार में आते ही अपने यूजर बना लिये थे. इसके बाद फिर 1998 में Netscape नाम से एक Browser आया यह बाद में Mozilla Firefox बना जो कि एक Open Source Based Web Browser है. Web Browser की दुनिया मे सबसे बड़ा परिवर्तन जो आया है वो तब आया जब Google ने अपना Browser Chrome sept 2008 मे Launch किया इसके बाद तेजी यह Chrome सभी लोगो के लिए Internet Use करने के लिए सबसे पहली पसंद बन गया और इसके बाद Market मे सबसे अधिक Use होने वाला Browser बन गया.
Google Chrome
Mozilla Firefox
Opera Web Browser
Safari Web Browser
Internet Explorer
Slimjet Browser
Maxthon
SlimBrowser
Netscape Browser
UC Browser
Chrome Google के प्लेटफॉर्म पर बनाया गया एक Internet Browser है यह देखने में अलग सा ही होता है लेकिन इसकी सबसे अच्छी बात यह की यह High Speed से काम करता है. इसमें कई सारे Plugin Preloaded होते है. इसे September 2008 मे Launch किया गया था और बाद मे इसका Mobile Version भी Launch किया गया था.
Mozilla Firefox एक वेब ब्राउजिंग सॉफ्टवेयर है इसको 2002 में Mozilla Foundation द्वारा Develop किया गया था. Mozilla Firefox लगभग 10 वर्ष पुराना Popular Internet Browser है. इसकी सबसे अच्छी बात यह की यह High Speed से काम करता है. यह Windows, Macintosh, Linux और Android जैसे सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने के लिए बनाया गया है. इस ब्राउज़र को C ++, JavaScript, Rust, C, CSS, XUL और XBL का उपयोग करके लिखा गया है.
Internet Explorer Microsoft के द्वारा वर्ष 1995 में विकसित किया गया एक वेब ब्राउजिंग सॉफ्टवेयर है. यह विंडोज, मैकिन्टोश, लिनक्स और एंड्रॉइड जैसे सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने के लिए बनाया गया है और इसे C ++ भाषा का उपयोग करके लिखा गया है. अभी Market मे इसका Latest Version-8 चल रहा है जो काफी अच्छी Speed से Web Pages को Browse करता है और Video को भी जल्दी Buffer करता है.
Safari Web Browser को Apple Company के द्वारा 7 January 2003 को विकसित किया गया था. शुरवाती दौर मे इस Company ने इसे सिर्फ अपने ही Operating System Mac के लिए बनाया था फिर बाद मे इसको Window के लिए भी Lunch कर दिया गया. इस Web browser मे Nitro Engine लगाया गया है.
Opera वर्ष 1995 में ओपेरा सॉफ्टवेयर द्वारा विकसित एक वेब ब्राउजिंग सॉफ्टवेयर है. यह विंडोज, मैकिन्टोश और लिनक्स जैसे सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने के लिए बनाया गया है और इसे C ++ भाषा का उपयोग करके लिखा गया है. Opera Browser लगभग 40 से ज्यादा Languages में उपलब्ध है. Opera Browser को Windows, Linux, Mac OS के लिए Develop किया गया है. Opera Mobile User के लिए भी उपलब्ध है. लेकिन, Mobile Users के बीच इसका Mini Version यानि Opera Mini Browser ज्यादा Popular है.
इसको 2010 में Launch किया गया था और गर्व की बात यह है की पूरी दुनिया में उपयोग किया जा सकने वाला यह पहला भारतीय Web Browser है जिसे Bangalore में स्थित Company Hidden Software Reflex ने Develop किया था. सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इसमें Antivirus System जोड़ा गया है और इसके Sidebar में News भी प्रदशि॔त होती है. Epic Browser 12 भारतीय Languages को Support करता है.