Hello Friends Tutorialsroot मे आपका स्वागत है आज हम आपको इस Post में Internet के बारे में बताने जा रहे है जिसमे आपको Internet के बारे में सीखने को मिलेगा हमे आशा है की पिछली बार की तरह इस बार भी आप हमारी Post को पसंद करेंगे. बहुत कम लोग ही जानते होंगे की Internet क्या है और इसका उपयोग कैसे और क्यों किया जा रहा है अगर आप इसके बारे में नही जानते तो कोई बात नहीं हम आपको इसके बारे में पूरी तरह से जानकारी देंगे इसके लिए हमारी Post को शुरू से अंत तक ज़रुर पढ़े.
Internet की फुल फॉर्म Interconnected Network होती है. इसको हिंदी मे सेवा चयन बोर्ड कहते है. आज इंटरनेट ने पूरी दुनिया को बदल कर रख दिया है. अगर आज हम Facebook, WhatsApp, UK Browser जैसे Apps तथा Google, Bing, Yahoo जैसे Search Engine आदि उपयोग कर पा रहे है तो इसका सीधा सा माध्यम इंटरनेट है क्योंकि इंटरनेट के बिना इनमे से किसी को भी उपयोग नही किया जा सकता है.
इंटरनेट को पहले अरपानेट के नाम से जाना था. जिसको शुरुआत सरकारी अनुसंधान प्रयोगशालाओ और विश्वविद्यालयो के भाग लेने वाले विभागो के बीच एक नेटवर्क के रूप मे विकसित किया गया था. सन 1980 के दशक के अंत तक इंटरनेट पर Commercial उपयोग मे एक प्रक्रिया स्थापित की गई थी. जिसके बाद इंटरनेट को आम लोगो तक पहुँचाने का काम शुरू हुआ. और आज हम इसी इंटरनेट पर अपना समय घंटो व्यतीत करते है.
इंटरनेट आपस मे एक दूसरे से जुड़े हुए कंप्यूटर नेटवर्क का एक Global Structure है जो कि Transmission Control Protocol या Internet Protocol का उपयोग करते हुए Data को Packet Switching के द्वारा आदान प्रदान करता है. इंटरनेट को नेटवर्को का नेटवर्क भी कहा जाता है क्योंकि यह करोड़ों लोगो को बड़े-बड़े संगठन तथा कई देशो को आपस मे Connect करके रखता है.
इंटरनेट कंप्यूटर पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय सूचनाओ का तंत्र है जिसे सूचना सुपर हाइवे कहते है. इंटरनेट की सुविधा कुछ कंपनियों द्वारा पूरी दुनिया मे फैलायी जाती है तथा इसके अलग अलग योजनाओ तथा सर्विस प्रदान होती है. इनमे से कुछ Internet Provider, Fastest Internet Provide करते है तो कुछ Slow Internet, Cheap Internet Provider होते है.
अगर हम भारत मे बात करे तो यहां पर इंटरनेट की शुरुआत 15 अगस्त 1995 मे विदेश संचार लिमिटेड द्वारा की गई. जब वीएसएनएल ने दुनिया के कम्प्यूटरो को भारत के कंप्यूटरो से जोड़ा. इसी के Indian Government ने निजी कंपनियो को इंटरनेट मे आने की अनुमति दे दी. इसी साल भारत की पहली वेबसाइट शुरू की गई जिसका नाम India.com था.
15 August 1995 में भारत में सबसे पहले Videsh Sanchar Nigam Limited (VSNL) के द्वारा इंटरनेट सेवा की शुरुवात की गयी. सन 1986 में ERNET(Educational Research Network) के Launch के साथ भारत में इंटरनेट सेवा की शुरुवात हुयी थी. यह सुविधा सिर्फ Eduacational and Research Community को थी. सन 1695 में VSNL के द्वारा Internet Service को सार्वजनिक रूप से Launch किया गया था. भारत में सन 1996 में पहली Email Site को बनाया गया जिसका नाम Rediffmail रखा था. सन 1997 में naukari.com नाम की Site बनायीं गयी जिसके बारे में आप और हम जानते ही है. सन 2000 के दशक में Amazon india, MSN, Yahoo जैसी बड़ी Website की शुरुवात हुयी.
इंटरनेट एक ऐसा नेटवर्क है जिससे हम एक दुसरे जुड़ सकते है.
इंटरनेट राऊटर और सर्वर के जरिय दुनिया के सारे कंप्यूटर को आपस मे जोडता है.
इंटरनेट वर्ल्ड वाइड वेब या वर्ल्ड वाइड नेटवर्क के नाम से भी जाना जाता है.
इंटरनेट नेटवर्क दुनिया का सबसे बडा नेटवर्क है.
इंटरनेट का उपयोग हम संचार के लिए और शिक्षा के लिए औरशौपिंग के लिए व मनोरंजन के लिए कर सकते है.
इंटरनेट एक ऐसा नेटवर्क है जिसकी सहायता से हम दुनिया के किसी भी कोने मे हो वहाँ से कही पर भी जानकारी हासिल कर सकते है.
इंटरनेट को बनाने वाला कोई एक व्यक्ति नही है बल्कि इसको बनाने के पीछे कई लोगो ने अपना योगदान दिया जैसे कि -
Leonard Kleinrock ने सबसे पहले इंटरनेट की योजना बनाई.
C.R. Licklider ने इस योजना मे Leonard Kleinrock का साथ दिया.
Robert Taylor की सहायता से एक नेटवर्क बनाया.
इंटरनेट कनेक्शन कई प्रकार के होते है जैसे कि -
Dial-up Connection
ISDN
DSL
Cable TV Internet connections
Satellite Internet connections
Wireless Internet Connections
इंटरनेट से PC Connect करने के लिए Dial-up Connection Telephone Line का उपयोग करता है. Dial-up Connection Setup करने के लिए इसे Modem की आवश्यकता होती है. यह Modem PC और Telephone Line के बीच एक Interface के रूप में काम करता है.
यह एक Communication Program भी है जो एक ISP द्वारा प्रदान किए गए Specific Number पर Call करने के लिए Modem को Instructs देता है. Dial-up Connection निम्न प्रोटोकॉल में से किसी एक का उपयोग करता है जैसे कि -
Serial Line Internet Protocol (SLIP)
Point to Point Protocol (PPP)
आप उपर Diagram देख सकते है जिसमे मॉडेम का उपयोग कर इंटरनेट एक्सेसिंग को दिखाता है.
ISDN Integrated Services Digital Network का Acronym नाम है. यह फोन लाइनों का उपयोग करके कनेक्शन स्थापित करता है जो एनालॉग संकेतों के बजाय डिजिटल सिग्नल लेता है. ISDN Services को वितरित करने के लिए दो Techniques होती है जैसे कि -
Basic Rate Interface (BRI)
Primary Rate Interface (PRI)
आप उपर Diagram देख सकते जिसमे ISDN Connection का उपयोग कर इंटरनेट तक पहुंच दिखाता है
DSL Digital Subscriber Line का Acronym नाम है. यह Broadband Connection का एक रूप है क्योंकि यह सामान्य Telephone Lines पर Connection प्रदान करता है. DSL तकनीक के कई संस्करण आज उपलब्ध हैं जैसे कि -
Asymmetric DSL (ADSL)
Symmetric DSL (SDSL)
High bit-rate DSL (HDSL)
Rate adaptive DSL (RDSL)
Very high bit-rate DSL (VDSL)
ISDN DSL (IDSL)
उपरोक्त उल्लिखित प्रौद्योगिकियों में से सभी उनके अपलोड और डाउनलोड गति, बिट स्थानांतरण दर और सेवा के स्तर में भिन्न होते हैं.
नीचे दिया गया चित्र दिखाता है कि हम DSL Technology का उपयोग कर इंटरनेट से कैसे कनेक्ट कर सकते हैं.
Cable TV Internet Connection Cable TV Lines के माध्यम से प्रदान किया जाता है. यह Coaxial Cable का उपयोग करता है जो आम Telephone Line की तुलना में Data को बहुत अधिक गति से स्थानांतरित करने में सक्षम है.
Cable Operator द्वारा प्रदान की जाने वाली इस सेवा तक पहुंचने के लिए Cable Modem का उपयोग किया जाता है. Cable Modem में दो Connection शामिल हैं. एक इंटरनेट सेवा के लिए और अन्य Cable TV Signals के लिए. चूंकि Cable TV Internet Connection Customers के समूह के साथ Bandwidth की एक निश्चित राशि साझा करते हैं इसलिए Data Transfer Rate भी एक ही समय में इंटरनेट का उपयोग कर Customers की संख्या पर निर्भर करती है.
आप नीचे दिये गये Diagram में देख सकते है कि Cable TV Connection का उपयोग करके इंटरनेट का उपयोग कैसे किया जाता है.
Satellite Internet Connection Internet से उच्च गति Connection प्रदान करता है. यह दो प्रकार के Satellite Internet Connection होते हैं. एक तरफ Connection या दो तरह का Connection.
एक तरफ Connection से हम केवल डेटा डाउनलोड कर सकते हैं लेकिन अगर हम अपलोड करना चाहते हैं तो हमें टेलीफोन लाइन पर आईएसपी के माध्यम से डायलअप एक्सेस की आवश्यकता है.
दो तरह के Connection में हम उपग्रह द्वारा डेटा डाउनलोड और अपलोड कर सकते हैं. इसे किसी भी डायलअप कनेक्शन की आवश्यकता नहीं है.
आप नीचे दिये गये Diagram में देख सकते है कि Satellite Internet Connection का उपयोग करके इंटरनेट का उपयोग कैसे किया जाता है.
Wireless Internet Connection Internet से Connect करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी बैंड का उपयोग करता है और बहुत तेज गति प्रदान करता है. Wireless Internet Connection या तो WiFi या Bluetooth द्वारा प्राप्त किया जा सकता है.
Wi Fi Wireless Technology IEEE 802.11 Standards पर आधारित है जो Electronic Device को Internet से Connect करने की अनुमति देती है.
Bluetooth Wireless Technology Microwave Wavelength Radio Waves का उपयोग करती है और व्यक्तिगत क्षेत्र नेटवर्क (पैन) बनाने में मदद करती है.