TIKA Full Form in Hindi



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TIKA Full Form in Hindi – टिका क्या है ?

टिक एक सामग्री विश्लेषण उपकरण है जिसे Apache Software Foundation द्वारा डिज़ाइन और विकसित किया गया है. यह जावा में लिखा गया है और फ़ाइल से सामग्री और Metadata का पता लगाने और निकालने के लिए उपयोग किया जाता है. यह .XML, XLS, PDF आदि सहित फ़ाइल प्रकारों के हजार का समर्थन करता है. यह Cross-platform है, और यह पब्लिक एक्सेस के लिए जीथब पर रिपॉजिटरी उपलब्ध है.

Apache Tika एक कंटेंट डिटेक्शन एंड एनालिसिस फ्रेमवर्क है जिसे जावा में लिखा गया है जो Apache Software Foundation में संग्रहित है. यह मेटाडेटा और पाठ को एक हजार से अधिक विभिन्न प्रकारों से पता लगाता है और निकालता है और साथ ही एक जावा लाइब्रेरी प्रदान करता है जिसमें अन्य प्रोग्रामिंग भाषाओं से उपयोग के लिए उपयुक्त सर्वर और कमांड-लाइन संस्करण हैं.

आपकी जानकारी के लिए बता दे की वर्ष 2007 में अपाचे ने एक उपकरण विकसित करने के लिए एक परियोजना शुरू की जो किसी भी प्रकार की फ़ाइल से सामग्री को निकाल सकती है. इसका मुख्य उद्देश्य सीएमएस (कंटेंट मैनेजमेंट सिस्टम) और वेब क्रॉलर्स के साथ इसे अधिक उपयोगी बनाना था. और 2011 में पहला आधिकारिक संस्करण 1.0 जारी किया गया था. Tika का वर्तमान स्थिर संस्करण 1.17 है जिसे 13 दिसंबर, 2017 को रिलीज़ किया गया.

अपाचे टिका एक पुस्तकालय है जिसका उपयोग विभिन्न फ़ाइल स्वरूपों से दस्तावेज़ प्रकार का पता लगाने और सामग्री निष्कर्षण के लिए किया जाता है. आंतरिक रूप से, टीका डेटा का पता लगाने और निकालने के लिए मौजूदा विभिन्न दस्तावेज़ पार्सर और दस्तावेज़ प्रकार का पता लगाने की तकनीक का उपयोग करता है.

Tika का उपयोग करके एक निश्चित प्रकार के स्प्रेडशीट, पाठ दस्तावेज़, चित्र, PDF और यहां तक कि मल्टीमीडिया इनपुट प्रारूपों से कुछ हद तक मेटाडेटा के साथ-साथ दोनों संरचित पाठ को निकालने के लिए एक सार्वभौमिक प्रकार डिटेक्टर और सामग्री चिमटा विकसित कर सकते हैं. Tika विभिन्न फ़ाइल स्वरूपों को पार्स करने के लिए एक एकल जेनेरिक API प्रदान करता है. यह प्रत्येक दस्तावेज़ प्रकार के लिए मौजूदा विशेष पार्सर पुस्तकालयों का उपयोग करता है. इन सभी पार्सर पुस्तकालयों को पार्सर इंटरफ़ेस नामक एकल इंटरफ़ेस के तहत समझाया गया है.

क्यों टीका?

Filext.com के अनुसार लगभग 15k से 51k सामग्री प्रकार हैं और यह संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. डेटा को विभिन्न स्वरूपों जैसे टेक्स्ट डॉक्यूमेंट, एक्सेल स्प्रेडशीट, पीडीएफ, इमेज और मल्टीमीडिया फाइलों में संग्रहित किया जा रहा है ताकि कुछ का नाम लिया जा सके. इसलिए इन Document Types से Data के आसान Extraction के लिए Search Engine और Content Management Systems जैसे Applications को अतिरिक्त Support की आवश्यकता होती है. Apache Tika कई File Formats से Data का पता लगाने और निकालने के लिए एक सामान्य API Provide करके इस उद्देश्य को पूरा करती है.

टीका क्या है ?

जैसा की आप जानते ही है Body की विभिन्न Defenses को भेदकर परजीवी रोगकारी Bacteria अथवा विषाणु Body में प्रवेश कर पनपते हैं, और जीवविष उत्पन्न कर अपने परपोषी के body में रोग उत्पन्न करने में समर्थ होते हैं. इनके फलस्वरूप Body Cells भी Biology तथा उसके Productive Microbes की Aggressive Progress के विरोध में स्वाभाविक प्रतिक्रिया द्वारा Antidote अथवा Immune Objects उत्पन्न करती हैं. कीटाणुओं के Antimicrobial Antibodies के विकास में कई दिन लग जाते हैं.

यदि रोग से तुरंत मृत्यु नहीं होती और प्रतिरक्षी के निर्माण के लिए यथेष्ट अवसर मिल जाता है तो रोगकारी जीवाणुओंकी आक्रामक शक्ति का ह्रास होने लगता है और Disease Mitigation होने की संभावना बहुत बढ़ जाती है. जिस Bacteria के प्रतिरोध के लिए प्रतिरक्ष उत्पन्न होते हैं वे उसी Bacteria पर अपना घातक प्रभाव डालते हैं.

आंत्र ज्वर के Bacteria के प्रतिरोधी प्रतिरक्षी प्रवाहिका अथवा विषूचिका के जीवाणुओं के लिए घातक न होक केल आंत्र ज्वर के Bacteria को नष्ट करने में समर्थ होते हैं. प्रतिरक्षी केवल अपने Productive antigen के लिए ही घातक होने के कारण जाति विशेष के कहलाते हैं.

यदि किसी के शरीर में किसी Pathological के रोगनिरोधी प्रतिरक्षी उस रोग के Bacteria द्वारा Infection होने के पूर्व ही प्रचुर मात्रा में विद्यमान हों, तो वह Bacteria रोग उत्पन्न करने में असमर्थ रहता है. यदि Defense की मात्रा अपर्याप्त हो तो हलका सा रोग होने की संभावना रहती है. Infection होने पर रोगनिरोधी प्रतिरक्षियों की उत्पत्ति के कारण यह देखा गया है कि एक बार रोग हो जाने पर वही रोग दूसरी बार कुछ काल समय तक नहीं होता.

एक बार Chicken Pox हो जाने पर दूसरी बार इस Disease के होने की संभावना प्राय: नहीं रहती. कुछ Pediatric Infancy में हो जाने पर युवा या जरावस्था में पुन: नहीं होते. इसी सिद्धांत के आधार पर कृत्रिम टीके द्वारा रोगनिरोधी Defense शरीर मे प्रवेशकर, Pathological की रोकथाम सफलता पूर्वक की जाती है. टीका लगाने का मुख्य प्रयोजन बिना रोग उत्पन्न किए शरीर में रोगनिरोधी Defense का निर्माण करना है.

प्राकृतिक रूप से तो Defense रोगाक्रमण की प्रतिक्रिया के कारण बनते हैं परंतु टीके द्वारा एक प्रकार का शीतयुद्ध छेड़कर शरीर में Defense का निर्माण कराया जाता है. रोग उत्पन्न करने में असमर्थ मृत जीवाणुओं का शरीर में प्रवेश होते ही प्रतिरक्षियों का उत्पादन होने लगता है. Dead Bacteria का उपयोग आवश्यक होता है.

ऐसी Condition में Living Bacteria का उपयोग आवश्यक होता है. ऐसी Condition में Living Bacteria की Aggressive शक्ति का निर्बल कर उन्हें पहले निस्तेज कर दिया जाता है जिससे उनमें रोगकारी क्षमता तो नहीं रहती किंतु Defense बनाने की शक्ति बनी रहती है. जो Bacteria Biogenic कर सकते हैं उनके इस Biology को Pharmelin के संयोग से Relaxed कर Vaccines में प्रयुक्त किया जा सकता है.

इस प्रकार के Formalin Affected Organisms को Biotic कहते हैं. अत: रोगनिरोधी Defense उत्पन्न करने के लिए मृत Bacteria निस्तेजित Bacteria अथवा Biotic का प्रयोग टीके द्वारा किया जाता है. Prophylactic Vaccines के लिए जो Fluid काम में लाया जाता है. उसे Vaccine कहते हैं. यह वास्तव में Dead अथवा Dormant Bacteria का Suspension होता है. इसमें फ़िनोल अथवा कोई अन्य जीवाणुनाशक पदार्थ मिला दिया जाता है जिससे vaccine की शुद्धता बनी रहे.

TIKA एक Therapeutic उत्पाद है. हालांकि Vaccines का निर्माण रोग से सुरक्षा के लिए किया जाता है फिर भी इसके कुछ Bad Effects हो सकते हैं जैसा कि किसी भी दवा में हो सकता है. Vaccination से होने वाले अधिकांश Bad Effects हल्के होते हैं जैसे पीड़ा, सूजन, या इंजैक्शन के स्थान पर लालिमा. कुछ टीके बुखार, चकत्ते और दर्द से जुड़े होते हैं. गंभीर Bad Effects विरले होते हैं लेकिन इसके अंतर्गत दौरा या Deadly Allergic Reaction हो सकते हैं. Vaccination से होने वाले संभावित Bad Effects को प्रतिकूल घटना कहते हैं.

हरेक वर्ष दुनिया भर में 1 वर्ष और इससे अधिक की आयु के करोड़ों शिशुओं को टीका दिया जाता है. जीवन के पहले साल में गंभीर जानलेवा बीमारियों और Therapeutic घटनाओं जैसे Sad Infant Death Syndrome से पीड़ित होने वाले शिशुओं की संख्या बहुत अधिक होती है. इसके अलावा पहले साल के दौरान ही जन्मजात Therapeutic स्थितियां भी देखी जा सकती हैं.

इसलिए केवल संयोग के कारण Vaccination की निकटता में बहुत से Infant Therapeutic घटना का अनुभव करेंगे. यद्यपि इसका अर्थ यह नहीं है कि घटना प्रतिरक्षण से संबंधित हो. इस बात का पता लगाना चुनौतीपूर्ण होता है कि कोई Therapeutic घटना कब Vaccination से सीधे जुड़ी होती है. बहुत से देशों ने Informed Events की निगरानी और विश्लेषण के लिए और यह तय करने के लिए प्रणालियों की स्थापना की है कि ये घटनाएं टीकाकरण से संबंधित हैं या नहीं.